भारतीय नोट किस चीज से बनते हैं? लोगों ने पूछा सोशल मीडिया पर सवाल, शायद ही कोई जानता होगा सही जवाब!

आपने शाहिद कपूर की वेब सीरीज फर्जी देखी होगी, जिसमें वो नकली बैंक नोट बनाते हैं जो बिल्कुल असली लगता है. पर क्या आपने कभी सोचा है कि असली बैंक नोट कैसे बनाए जाते हैं? हाल ही में एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों ने पूछा कि भारतीय नोट किस चीज से बनाए जाते हैं. शायद ही कोई इस सवाल का सही जवाब जानता होगा.

भारत में पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल भुगतान के साधनों को काफी बढ़ावा मिला है. फिर भी, आज भी नकदी यानी मुद्रा नोटों का उपयोग रोजमर्रा के लेन-देन में बड़े पैमाने पर होता है. ₹10 से लेकर ₹2000 तक के नोट हम सभी ने देखे और इस्तेमाल किए हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये नोट बनते कैसे हैं? सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कोरा पर कुछ वक्त पहले किसी ने ये सवाल किया था कि “भारतीय नोट का कागज किस चीज का बना होता है?” कई लोगों ने इस सवाल का जवाब दिया. कृष्ण मुरारी गुप्ता नाम के एक यूजर ने लिखा कि भारतीय नोट कपास से बनते हैं.

बैंक नोट किस चीज से बनते हैं?
अधिकांश लोग मानते हैं कि ये नोट कागज़ से बने होते हैं, क्योंकि ये गीले हो जाते हैं, फट जाते हैं या गंदे हो जाते हैं लेकिन यह सच्चाई नहीं है. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के अनुसार, भारतीय मुद्रा नोट कागज़ से नहीं, बल्कि 100% कॉटन (रूई) से बनाए जाते हैं. भारतीय मुद्रा नोटों को लंबे समय तक टिकाऊ और सुरक्षित बनाए रखने के लिए कागज़ के बजाय शुद्ध कपास का इस्तेमाल किया जाता है. कॉटन से बने नोट- जल्दी फटते नहीं हैं, हल्के होते हैं, उन पर सुरक्षा के लिए अनेक प्रकार के सिक्योरिटी फीचर्स जोड़े जा सकते हैं और गंदगी या घिसावट को बेहतर सहन कर सकते हैं, इसलिए कॉटन का उपयोग मुद्रा नोटों को टिकाऊ बनाने और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित करता है.

नोट में होती है कई खास चीजें
भारतीय नोटों में कई सुरक्षा चिन्ह होते हैं, जिनसे असली और नकली नोटों के बीच फर्क किया जा सकता है. इन सुरक्षा उपायों में शामिल हैं- सिल्वर रंग की मशीन, रीडेबल सिक्योरिटी थ्रेड, रिज़र्व बैंक की मुहर और गवर्नर का हस्ताक्षर, सी-थ्रू रजिस्टर (दोनों तरफ के डिजाइन मिलाने पर एक आकृति बनती है), वाटरमार्क और इलेक्ट्रोटाइप वाटरमार्क. माइक्रो लेटरिंग (छोटे अक्षरों में RBI और वैल्यू अंकित), लेटेंट इमेज (कोण बदलने पर दिखने वाला छुपा चिन्ह). इन फीचर्स की वजह से भारतीय नोटों को नकली नोटों से अलग पहचानना आसान होता है. भारतीय नोटों में एक और विशेषता है- कलर-शिफ्टिंग इंक. यह विशेष स्याही नोट पर छपी संख्याओं को कोण बदलने पर अलग-अलग रंगों में दिखाती है. उदाहरण के लिए, ₹500 के नोट में अंक ‘500’ सपाट रखने पर हरा दिखाई देता है, लेकिन जैसे ही नोट को थोड़ा झुकाया जाता है, वही अंक नीला दिखाई देने लगता है. भारत ही नहीं, संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) सहित कई अन्य देश भी अपने नोटों को कॉटन से बनाते हैं. अमेरिका के Bureau of Engraving and Printing के अनुसार, अमेरिकी बैंकनोट्स 25% लिनन और 75% कॉटन से बनाए जाते हैं.

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