भाजपा कार्यालय में चुनाव समिति की बैठक जारी

बिहार विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर दोनों गठबंधनों के पार्टियों के बीच खींचतान जारी है। इंडिया गठबंधन के समन्वय समिति के अध्यक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पिछले तीन दिनों से उनके ही आवास पर बैठक चल रही है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में चुनाव समिति की बैठक शुरू हो गई है। चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के नेतृत्व में हो रही इस बैठक में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, बिहार के दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय, मंत्री मंगल पांडेय समेत कई दिग्गज नेता शामिल हैं। बैठक में सीट शेयरिंग पर चर्चा हो रही है।
इधर, बैठक में शामिल होने से पहले केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि इस चुनाव में NDA पूरी तरह से तैयार है। घटक दलों के सभी नेता और कार्यकर्ता दिन रात जनता की सेवा में लगे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि सीट शेयरिंग पर बात अंतिम चरण में है। अगले 24 से 48 घंटे में सारी बात हो जाएगी। वहीं बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने कहा एनडीए इस चुनाव में इतिहास रचेगा। इस बार 2010 का रिकॉर्ड भी टूट जाएगा।
सीट बंटवारे का फॉर्मूला भी जल्द तय हो जाएगा
इधर, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही इस बार भी चुनाव लड़ा जा रहा है। सीट बंटवारे का फॉर्मूला भी जल्द तय हो जाएगा। इंडिया गठबंधन का नेतृत्व तय नहीं हुआ है। कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट कहा है, तेजस्वी यादव राजद के मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे, इंडिया गठबंधन के नहीं। उन्होंने चिराग पासवान की नाराजगी की बात पर कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है। वहीं नाराज नहीं हैं। एनडीए में सबकुछ सामान्य है। सबलोग एकजुट हैं।
एनडीए में चिराग-मांझी की जिद
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीट बंटवारे का काम 80 फीसदी तक हो चुका है। भाजपा और जदयू दोनों 100 से अधिक पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। केंद्रीय चिराग पासवान की पार्टी को 28, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी को आठ और उपेंद्र कुशवाह की पार्टी को करीब पांच सीटें भाजपा और जदयू देना चाहती है। लेकिन, लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा मानने को तैयार नहीं। चिराग 40 से कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। वहीं जीतन राम मांझी का तर्क है कि राज्य स्तर की पार्टी बनने के लिए आठ विधायक चाहिए। हमारे पास पहले से चार विधायक हैं। ऐसे में 10 से 12 सीटों से कम पर चुनाव हमलोग नहीं लड़ कसते हैं। दोनों पार्टी के नेताओं ने चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मिलकर अपनी-अपनी बात रख दी है। जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने दावा किया है कि एनडीए के घटक दलों के कहीं कोई मतभेद नहीं है। सबलोग एकजुट हैं। जल्द ही सीट बंटवारे का एलान कर दिया जाएगा।
2010 में एनडीए को 206 सीटों पर जीत मिली थी
एनडीए बार-बार 2010 के रिकॉर्ड टूटने की बात कह रही है। 2010 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का स्ट्राइक रेट सबसे बेहतर रहा था। भाजपा 102 सीटों पर चुनाव लड़कर 91 सीटें जीती थीं। उस समय सीएम नीतीश कुमार की पार्टी ने 141 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और 115 सीटों पर जीत हासिल की। इस तरह एनडीए को 206 सीटों पर जीत मिली थी। इसलिए एनडीए के नेता इस बार 2010 के चुनाव परिणाम का रिकॉर्ड तोड़ने की बात कह रहे हैं।