भगवान की लड़ते हुए या रौद्र रूप वाली मूर्ति घर में स्थापित करने से मिलते हैं अशुभ फल
वास्तु के अनुसार, कई मूर्तियां ऐसी होती हैं, जिनका दर्शन करना अशुभ होता है। भगवान के ऐसे ही कुछ स्वरूप और मूर्तियों के बारे में आपको पता होना चाहिए। वास्तु शास्त्र में भगवान की मूर्तियों की दिशा और स्थान को लेकर कुछ खास बातें बताई गई हैं। इन बातों का ध्यान नहीं रखने से अशुभ फल मिलने की संभावना रहती है और वास्तु दोष भी बढ़ने लगता है। इसके अनुसार भगवान की मूर्तियों की पीठ, उनकी संख्या और मूर्तियों के आकार-प्रकार को लेकर सावधान रहना चाहिए। जानते हैं कुछ ऐसी ही बातों के बारे में…..
- भगवान की मूर्ति घर में इस तरह रखनी चाहिए कि इनके पीछे का भाग यानि पीठ दिखाई नहीं दे। भगवान की पीठ का दिखना शुभ नहीं माना जाता।
- पूजा स्थल में एक ही भगवान की दो मूर्तियां रखना भी अच्छा नहीं होता है। खासतौर पर अगर दोनों मूर्तियां आस-पास या आमने-सामने हो। ऐसी मूर्तियों के दर्शन करने से बार-बार लड़ाई होती है।
- भले ही किसी मूर्ति से कितनी ही गहरी आस्था जुड़ी हो, लेकिन मूर्ति खंडित हो जाए तो उसके दर्शन करना अच्छा नहीं होता है। ऐसी मूर्ति के दर्शन या पूजा करना अशुभ फलों का कारण बनता है।
- मंदिर में भगवान की ऐसी मूर्ति रखनी चाहिए, जिसमें उनका मुंह सौम्य और हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में हो। रौद्र और उदास मूर्ति के दर्शन करने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- भगवान की ऐसी किसी मूर्ति के दर्शन नहीं करने चाहिए, जिसमें वे युद्ध करते या किसी का विनाश करते नज़र आए। ऐसी मूर्ति के दर्शन करना भी दुःखों का कारण बन सकता है।