संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती एक दिसंबर को रिलीज हो रही है। लेकिन चौतरफा विरोध का सामना कर रही इस फिल्म के राजस्थान में रिलीज होने पर तलवार लटक गई है। राजनेताओं और सामाजिक संगठनों के बाद राजस्थान के कई पूर्व राजघराने भी फिल्म के विरोध में खुलकर सामने आ गए हैं।
इन राजघरानों में जयपुर, जोधपुर, मेवाड़, बीकानेर, करौली व भिंडर के राजघराने प्रमुख हैं। इन सदस्यों का कहना है कि संजय लीला भंसाली को इतिहास की समझ नहीं है। 
 
 
जयपुर के पूर्व राजघराने की सदस्या और सवाई माधोपुर से भाजपा विधायक दीया कुमारी का कहना है फिल्म ‘पद्मावती’ में इतिहास को लेकर छेड़छाड़ की गई है। इसलिए फिल्म को राजस्थान में प्रदर्शित नहीं होने दिया जाएगा। पूर्व राजकुमारी का कहना है कि महारानी पद्मावती और उनका जौहर महिलाओं के शौर्य का प्रतीक है।
इसलिए उस तथ्य के साथ छेड़छाड़ सहन नहीं होगी। पद्मावती फिल्म को लेकर पूर्व राजपरिवार के सदस्य दीया कुमारी और पद्मिनी देवी ने एक प्रेस कांफ्रेंस भी की। 
 
 
करणी सेना के अतिरिक्त राजस्थान के जो पूर्व राजघराने फिल्म पद्मावती का विरोध कर रहे हैं उनमें मेवाड़ का पूर्व राजघराना भी सम्मलित है। मेवाड़ राजघराने के महेन्द्र सिंह मेवाड़ ने फिल्मकार संजय लीला भंसाली के साथ सेंसर बोर्ड पर भी आरोप लगाए है। उनका कहना है कि इस तरह यदि कोई प्रधानमंत्री मोदी के चरित्र के साथ कुछ भी जोड़कर दिखाएगा तो क्या सेंसर बोर्ड उसे पास कर देगा। 
 
जोधपुर के पूर्व राजघराने से सम्बंध रखने वाले गज सिंह भी बॉलीवुड के फिल्मकारों से खासे खफा है। सिंह का कहना है कि ऐतिहासिक नामों का फिल्मकारों को दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। अगर इन शख्सियतों के नाम का उपयोग किया जाए तो उद्देश्य केवल मनोरंजन ही नहीं रहना चाहिए। 
पद्मावती फिल्म को लेकर विशेषकर राजस्थान में हो रहे विरोध को बीकानेर के पूर्व राजघराने की सदस्या और भाजपा विधायक सिद्धी कुमारी ने सही ठहराया है। उनका कहना है कि फिल्म से पूर्व आने वाला केवल एक डिस्क्लेमर सब कुछ सही नहीं कर सकता है। गलत तथ्यों को पेश करना इतिहास के साथ ना केवल छेड़छाड़ अपितु उसका अपमान भी है। जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 
 
राजस्थान के भिंडर के पूर्व राजघराने के सदस्य रणधीर सिंह भिंडर ने फिल्म को लेकर विरोध जताया है। उनका कहना है कि राजस्थान में ऐसी कमेटी का गठन किया जाए जिसमें इतिहासकार सम्मलित हों। भिंडर के अनुसार इतिहास को लेकर बन रही फिल्मों की इस कमेटी के सामने स्क्रीनिंग की जाए। उनका कहना है कि वे पूर्व में भी इस तरह की मांग कर चुके हैं। 
करौली के पूर्व राजघराने की सदस्य अंशिका कुमारी ने भी फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर विरोध के सुर तेज कर दिए हैं। कुमारी के अनुसार संजय लीला भंसाली बीते दो वर्षा से फिल्म के तथ्य सुधारने के लिए कह रहे हैं। लेकिन फिल्म अब रिलीज को तैयार है और उसमें कुछ भी सुधार नहीं किया गया है। उनका कहना है महारानी पद्मावती के इतिहास की जानकारी भंसाली को सही प्रकार से लेनी चाहिए थी। 
 
 
 
