बड़ा हादसा: केमिकल फैक्टरी का बॉयलर फटने से तीन फैक्टरियों में लगी आग, दो की मौत
शहर के आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र में एक केमिकल फैक्टरी का बॉयलर फटने से भीषण आग लग गई। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि फैक्टरी के टुकड़े उड़कर आधा किलोमीटर दूरी तक पहुंच गए। आग ने धीरे-धीरे एक के बाद एक तीन फैक्टरियों को अपनी चपेट में ले लिया। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 15 गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को अस्पताल पहुंचा दिया गया है। अभी मलबे में कई मजदूरों के दबे होने की आशंका है।
बताया जा रहा है कि बॉयलर फटने से आसपास की फैक्टरियों की दीवार भी गिर गई। फैक्टरी में कई श्रमिकों के फंसे होने की संभावना है। मौके पर फायर ब्रिगेड की टीम पहुंच चुकी है। राहत एवं बचाव कार्य जारी है। दो डेड बॉडी निकाली जा चुकी हैं। हादसे में दो फैक्टरियां पूरी तरह से ढह गई। हादसे में 50 से ज्यादा फैक्टरियों को नुकसान पहुंचा है।
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ये हुए घायल
कांता देवी पत्नी नरेश 35 साल, उषा पत्नी अनिल 30 साल, विवेक पुत्र अमित तीन साल, नीलेश पुत्र अमित 9 साल, बिमला पत्नी बीरबल 70 साल, पूनम पत्नी सोनवीर 20 साल, अभिषेक पुत्र अमित, अंकित पुत्र नरेश 10 साल, कुलदीप पुत्र नरेश 8 साल, सविता पत्नी ओमबीर, पुष्पा पत्नी ब्रिजेश 31 साल, सरोज 18 साल, शांति 40 साल, मनोरमा, रिंकी पत्नी संजय।
आग इतनी जबरदस्त है कि उसने पड़ोस की फैक्टरियों को भी अपनी चपेेेट में ले लिया है। मौके पर और दमकल गाड़ियों को भी बुलाया गया है। मलबा हटाने के लिए जेसीबी भी मौके पर हैैै। कई श्रमिकों को बचा लिया गया है। अभी भी कई के मलबे में दबे होने की आशंका है।
अस्पताल में पहुंची हिमाचल निवासी विमला देवी ने बताया कि वह ग्राउंड फ्लोर पर काम कर रही थी। जब वह काम कर रही थी तो अचानक ऐसा लगा जैसे भूकंप आया हो। वह अचानक जमीन पर जा गिरी, जिससे उसके सिर में चोट आ गई। कुछ देर बाद पता चला है कि पूरी फैक्टरी में भगदड़ मची हुई है। बाहर निकले तो पता चला कि बॉयलर फटा है और पूरा धुआं-धुआं हुआ है।
साथ लगती फैक्टरी में काम करने वाली कई महिलाएं भी जख्मी हुई हैं। इनमें यूपी के शहजानपुर के गांव मूल्य निवासी मनोरमा, शांति, पूनम, सरोजनी व भावना घायल हैं। चारों दहशत में हैं। उन्होंने बताया कि वह पास में अस्पताल के उपकरण बनाने वाली फैक्टरी में काम करती हैं। अचानक झटके के साथ फैक्टरी की टिन उन पर आ गिरी। उन्हें ऐसा लगा कि भूकंप आया है। वे उसके नीचे दब गई। हाहाकार मच गया। बड़ी मुश्किल से उन्हें निकाला गया। वह सिविल हॉस्पिटल उपचाराधीन हैं।