बोरे भर-भरकर नदी में चिप्स के पैकेट फेंक रहा था पाकिस्तानी, लोगों ने पूछा सवाल

सोशल मीडिया पर कई तरह के वीडियोज़ शेयर किए जाते हैं. पर कुछ तो इंटरनेशनल लेवल के हो जाते हैं. दुनिया भर के लोग उन पर कमेंट करने लग जाते हैं और लोग फिर अपने अपने देश, संस्कृति के मुताबिक जवाब भी देने लग जाते हैं. वहीं कई लोगों को कुछ समझ में ही नहीं आता है कि जो हो रहा है वह क्यों हो रहा है. एक वायरल वीडियो में पाकिस्तान का एक शख्स नदी में बहुत सारे चिप्स के पैकेट बोरों से उड़ेल रहा है. कई लोगों को हैरानी हुई है कि आखिर ये शख्स ऐसा कर क्यों रहा है. बहुत से लोगों ने इस सवाल पर अलग अलग तरह के जवाब दिए हैं.
आखिर क्यों?
चिप्स खाना वैसे तो दुनिया में कई लोगों का शौक होता है, लेकिन इसका सेहत के लिहाज से विरोध करने वाले भी कम नहीं हैं. कई एक्सपर्ट्स यह भी दावा करते हैं कि इन्हें खाने से मोटापा बढ़ता है. तो वहीं अक्सर देखा गया गया है कि बच्चों की सेहत को भी ये फायदा नहीं बल्कि नुकसान ही करते हैं. लेकिन हैरानी की बात यही है कि आखिर कोई व्यवसायी इतने सारे चिप्स फेंकेगा ही क्यों?
इतने सारे चिप्स
वीडियो में हम एक टोपी पहने शख्स को देखते हैं, जो एक नदी के पुल पर चिप्स से भरे पैकेट वाला बोरा लेकर खड़ा है. वह पहले कैमरे पर एक चिप्स का पैकेट खोल कर दिखता है और फिर पूरा का पूरा बोरा ही नदी में उड़ेल देता है. इस दौरान हमें नदी में पहले से ही बहुत सारे पैकेट तैरते दिखते हैं. इसके बाद पास में हमें एक और शख्स दिखता है जो पूरा का पूरा बोरा ही नदी में फेंक देता है.
ये पाकिस्तान है
एक्स पर इस वीडियो को @RadioGenoa अकाउंट से शेयर किया गया है. इस पर लिखा गया है, “ये पाकिस्तान है.” लोगों ने इस वीडियो पर वैसे तो अलग अलग तरह के रिएक्शन दिए हैं. लेकिन सबसे ज्यादा पूछा जाने वाला सवाल यही है, “क्यों?” कुछ लोगों ने यह सवाल ग्रूक से भी पूछते हुए कहा है कि वह उन्हें समझाए कि ऐसा क्यों हो रहा है.
कुछ लोगों ने अंदाजा लगाया है कि लोग इज़राइली या यहूदी सामान के तौर पर चिप्स को विरोध स्वरूप नदी में फेंक रहे हैं. वहीं कई लोगों ने इस पर हैरानी जताई है कि वे लोग नदी को प्रदूषित क्यों कर रहे हैं. कई लोगों ने ऐसे लोगों को जाहिल और बेवकूफ भी कह डाला. वहीं एक यूज़र ने यह पूछा कि क्या वे एक्पायर हो चुके चिप्स तो नहीं फेंक रहे हैं.? एक शख्स ने तो यह भी कहा कि वो चिस्प इस उम्मीद में फेंक रहे हैं कि दूर कहीं कोई जरूरतमंद के काम आ सके.