बेनामी संपत्ति पर आयकर विभाग का शिकंजा, 230 से ज्यादा केस दर्ज
आयकर विभाग ने बेनामी संपत्तियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बारे में बेनामी संपत्ति वालों को पहले ही आगाह कर चुके थे। प्रधानमंत्री ने हाल ही में कहा था कि काले धन के खिलाफ नोटबंदी जैसा सख्त फैसला लिया गया था और अब बेनामी संपत्तियों की बारी है। बेनामी संपत्तियों पर चाबुक चलाते हुए आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद नए बेनामी लेनदेन कानून के तहत अब तक 230 से अधिक मामले दर्ज किए हैं। इसके अलावा देश भर में 55 करोड़ रुपये की संपत्तियों की कुर्की भी हुई है। बेनामी लेनदेन कानून कानून पिछले साल एक नवंबर से लागू हुआ है। इस कानून के उल्लंघन में भारी भरकम जुर्माने और 7 साल जेल की सजा की व्यवस्था है।
पीटीआई के पास मौजूद आयकर विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार विभाग द्वारा फरवरी के मध्य तक इस कानून के तहत 235 मामले दर्ज किए हैं। 140 मामलों में कुर्की के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन मामलों में 200 करोड़ रुपये की संपत्ति शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक 124 मामलों में 55 करोड़ रुपये की संपत्तियां अस्थायी तौर पर कुर्क की गई हैं। अधिकारियों ने कहा कि कुर्क की गई संपत्तियों में बैंक खातों में जमा, कृषि और अन्य जमीन, फ्लैट और आभूषण शामिल हैं। पिछले साल 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद आयकर विभाग ने विज्ञापनों के जरिए लोगों को चेताया था कि वे पुरानी करंसी में अपना बेहिसाबी पैसा किसी अन्य के बैंक खाते में न जमा कराएं। इसमें कहा गया था कि इस तरह की किसी गतिविधि में बेनामी संपत्ति लेनदेन कानून, 1988 के तहत आपराधिक मामला दायर किया जाएगा। यह चल और अचल संपत्ति दोनों के लिए होगा। देश में इस कानून को लागू करने के लिए आयकर विभाग नोडल एजेंसी है।
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नोटबंदी के बाद आयकर विभाग की बैंकों में जमा की जा रही रकम पर करीबी नजर थी। एक अधिकारी ने बताया कि विभाग को कुछ ऐसे मामले मिलें जिनमें गैरकानूनी तरीके अपनाए गए थे और संदिग्ध कैश को बेनामी खातों या जन धन खातों या फिर डॉर्मंट अकाउंट्स में जमा कराया गया था। इसके बाद बेनामी लेनदेन कानून के सख्त प्रावधानों के इस्तेमाल का फैसला किया गया। आयकर विभाग ने देशभर में उन संदिग्ध बैंक खातों की पहचान का अभियान शुरू किया था जिनमें 8 नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद बड़ी मात्रा में कैश जमा कराए गए थे। अधिकारियों ने बताया कि बेनामी लेनदेन कानून के तहत आयकर अफसरों को जब्ती के साथ-साथ कैश जमा करने वाले और जिनका अवैध कैश है, उन दोनों पर कार्रवाई का अधिकार है।