बीबीएमबी चेयरमैन ने दी बड़ी नसीहत, कहा-बांध भरे रहें, यह रूढ़िवादी सोच बदलनी ही होगी

पंजाब में बाढ़ कहर बरपा रही है। शुक्रवार को मैदानी व पहाड़ी इलाकों में बारिश से राहत दिखी लेकिन बांधों से छोड़े जा रहा पानी पंजाब के जिलों में तबाही मचा रहा है। अभी तक बाढ़ की वजह से 1.72 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है।
पंजाब में बाढ़ से तबाही के बीच भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने बड़ा बयान दिया है। त्रिपाठी ने कहा कि बांध हमेशा भरे रहें, राज्यों को यह रूढ़िवादी सोच बदलनी होगी। मानसून में अतिरिक्त पानी आने की वजह से बांधों से भारी मात्रा में पानी छोड़ना पड़ता है जिससे हालात काबू से बाहर हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि भाखड़ा का जलस्तर काफी समय से 1400 फीट तक नहीं गया है। बोर्ड की तकनीकी कमेटी में भी यह बात सामने लाई गई थी। इस बार भीषण बारिश की वजह से काफी मात्रा में पानी बांधों में आया है जिससे पंजाब भीषण बाढ़ की त्रासदी झेल रहा है।
गाद निकालने का काम सही तरीके से हो
त्रिपाठी ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता में कहा कि राज्यों को डर रहता है कि कम बारिश के कारण बांधों का जलस्तर नीचे जाने से कहीं पानी का संकट पैदा न हो जाए, लेकिन यह सोच सही नहीं है। क्या हरियाणा को पानी देने से बाढ़ के हालात पैदा न होते? इस सवाल पर त्रिपाठी ने कहा कि इससे मामूली फर्क जरूर पड़ता, लेकिन हरियाणा सिर्फ 8800 क्यूसेक पानी की मांग कर रहा था, जबकि अब भाखड़ा से हजारों क्यूसेक पानी रोज छोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि बांधों की सुरक्षा भी देखनी होती है और उनकी सफाई भी करनी होती है इसलिए प्रशासन अधिक पानी छोड़ना चाहता है लेकिन राज्यों की दखल से यह संभव नहीं हो पाता। उन्होंने राज्यों को नसीहत दी कि नदियों से गाद निकालने व अन्य रखरखाव का काम भी बेहतर तरीके से किया जाना चाहिए।
पौंग बांध में आया 20 प्रतिशत अधिक पानी
त्रिपाठी ने कहा कि पौंग बांध के इतिहास में इस बार सबसे अधिक पानी आया है। 2025 में 1 जुलाई से लेकर 5 सितंबर 11.70 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) आया है, जबकि वर्ष 2023 में 9.52 बीसीएम पानी आया था। भाखड़ा में भी काफी अधिक पानी आया है। भाखड़ा में 9.11 बीसीएम पानी आया है, जबकि 1988 में यह 9.42 बीसीएम था। इस तरह भाखड़ा में इस बार उतना ही पानी आया, जिनता पिछली दो बाढ़ के दौरान आया था। हमने बांध का जलस्तर 1680 से ऊपर नहीं आने दिया है। भाखड़ा से रोजाना 75 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह पौंग बांध से बहुत नियंत्रित तरीके से पानी छोड़ रहे हैं और साझेदार राज्यों की सहमति से ही पानी छोड़ा जा रहा है क्योंकि वह पानी रोककर नहीं रख सकते। त्रिपाठी ने कहा कि मौसम विभाग के अनुसार अब खतरे की बात नहीं है, क्योंकि आगे अधिक बारिश की चेतावनी नहीं है।
नंगल में सीआईएसएफ लगाई, पंजाब सचिवालय पर भी तैनात
बांधों पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) लगाने के पंजाब सरकार के विरोध पर त्रिपाठी ने कहा कि नंगल में सीआईएसएफ तैनात कर दी गई है। हर संवेदनशील स्थान पर सीआईएसएफ ही तैनात है। वह पंजाब सिविल सचिवालय हो या अन्य कोई भवन हो। वर्ष 2021 में इसे लेकर फैसला हो चुका था, इसलिए यू-टर्न नहीं ले सकते। सभी भागीदार राज्य भी इस पर सहमत हैं।