बलरामपुर का सोहेल्या पक्षी विहार गूंजा विदेशी मेहमान पक्षियों के कलरव से
बलरामपुर। सरहदों की दीवारों को अपने मासूम पंखों के सहारे बेरोक-टोक पार कर शरद ऋतु की आहट होते ही आये विदेशी मनमोहक मेहमान पक्षियों के कलरव से उत्तर प्रदेश मे बलरामपुर जिले के सौहेल्वा वन्य जीव संरक्षित क्षेत्र का पक्षी बिहार गुंजायेमान है। यूरोपीय और एशियाई देश साइबेरिया, अफगानिस्तान तथा अन्य देशों से आये रंग-बिरंगी विदेशी मेहमान पक्षी अपनी मृदुल चहचहाहट और मनमोहक अठखेलियों से आसपास एवं नेपाल से आ रहे पर्यटकों को खूब लुभा रहे हैं।
इन दिनों शरद ऋतु की शुरुआत से ही साइबेरिया मे जबरदस्त बर्फबारी से पक्षियों को भोज्य पदार्थ का अकाल पडऩे लगता है। इसके कारण साइबेरियन पक्षी भोजन की तलाश मे भटककर नवम्बर मास में यहां के पक्षी बिहार में उड़ान भर कर आ जाते हैं, और चार महीने बाद मार्च मास मे बसंत ऋतु का आगमन होते ही अपने-अपने गंतव्य स्थानों पर लौट जाते हैं।
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यह चार मास पक्षी बिहार पर्यटकों की बढ़ती आमद से हराभरा रहने के कारण वन विभाग को काफी लाभ होता है, इन दिनों दुर्लभ जाति व प्रजातियों के पण्कौआ, पिहो, जांघिल, ड्बारु, तिवारी, नीलसर, लालसर, सीकपर, पटेल, सलही, बारंकटा, बगुला, मैना, तोता, सारस, मोर और अन्य सुरीले पक्षियों ने पक्षी बिहार की हवाओं को भी संगीतमय स्वर से सुरीली बना दिया है।
अफगानिस्तान से आये हाईबैक्टेल ने पर्यटको को सम्मोहित कर जैसे अपनी मृदु वाणी के वश मे कर कैद कर रखा है। ये लुभावने विदेशी पक्षी लौटते समय प्रजनन भी करते हैं। पक्षियों के संग वन क्षेत्र मे पाये जाने वाले दुर्लभ सर्प तथा अन्य वन्यजीवों को देख पर्यटकों के दिल खुश हो जाते हैं।
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वन विभाग सूत्रों ने बताया कि नेपाल, दिल्ली तथा अन्य कई स्थानों पर फैले बर्ड फ्लू के कारण विदेशी पक्षियों में वायरस की आशंका को देखते हुये फिलहाल पर्यटकों को दूर से ही पक्षियों को निहारने की सलाह दी जा रही है। बहेलियों और शिकारियों की टेढ़ी न•ार से पक्षियों को बचाये रखने के लिये वनरक्षकों को सतर्क कर दिया गया है।