बच्चों के साथ गहरा करना चाहते हैं अपना रिश्ता, तो उनसे रोजाना कहें ये 10 बातें!

पेरेंट्स और बच्चों का रिश्ता प्यार विश्वास और संवाद पर आधारित होता है। ऐसे में रोजमर्रा की छोटी-छोटी बातें इस रिलेशन को और मजबूत बनाती हैं। बच्चों से दिनभर की बातें पूछना और उसे खुलकर बोलने का अवसर देना आपके रिश्ते को और गहरा बनाता है। इसलिए एक पेरेंट के तौर पर आपको उनसे रोज ये बातें जरूर बोलनी चाहिए।

माता-पिता और बच्चों के बीच मजबूत रिश्ता सिर्फ देखभाल और जिम्मेदारियों तक ही सीमित नहीं होता, बल्कि रोजमर्रा की बातचीत से भी निखरता है। बच्चे अपने पैरेंट्स से जितना इमोशनली अटैच्ड होते हैं उतना ही उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और वे जीवन में बेहतर निर्णय ले पाते हैं।

अक्सर हम बच्चों के खान-पान, पढ़ाई और डिसिप्लीन पर ध्यान देते हैं, लेकिन भावनात्मक संवाद भी उतना ही महत्वपूर्ण है। यहां बताई गई कुछ साधारण लेकिन प्रभावी बातें आपके और आपके बच्चे के रिश्ते को और अधिक मजबूत बना सकती हैं। आइए जानते हैं ऐसी बातों को जिन्हें आपको अपने बच्चे से डेली कहना चाहिए-

मैं तुमसे बहुत प्यार करता/करती हूं
बच्चों को यह एहसास कराना जरूरी है कि वे बिना शर्त के प्यार के योग्य हैं। यह उनकी पर्सनेलिटी को पॉजिटिव बनाता है और उन्हें सेफ फील कराता है।

तुम बहुत खास हो
हर बच्चा अपनी एक खास टैलेंट के साथ इस दुनिया में आता है। ऐसे में जब आप उसे यह महसूस कराते हैं कि वह यूनिक और वैल्यूएबल है,तो वह सेल्फ कॉन्फिडेंस से भर जाता है।

तुम पर मुझे पूरा भरोसा है
आपका अपने बच्चों पर विश्वास जताना उन्हें इंडिपेंडेंट, स्ट्रॉन्ग और साहसी बनाता है।

तुम्हारी बातें मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं
जब आप बच्चे की बातों को ध्यान से सुनते हैं और उन्हें महत्व देते हैं, तो वह आपके साथ खुलकर बातचीत करने लगता है, जिससे आपका उनसे कम्युनिकेशन बेहतर होता है।

गलतियां करना ठीक है, इससे हम सीखते हैं
बच्चों को यह बताना जरूरी है कि गलतियां करने में कोई बुराई नहीं है, बल्कि वे सीखने का एक जरिया हैं।

मैं तुम्हारी मेहनत की सराहना करता/करती हूं
जब आप उनकी कोशिशों को पहचानते हैं, तो वे और मेहनत करने के लिए प्रेरित होते हैं।

तुम मुझसे कुछ भी कह सकते हो
बच्चे को भरोसा दिलाना जरूरी है कि वह अपने डर, सपने, सवाल या समस्याएं बिना किसी हिचकिचाहट के आपसे साझा कर सकता है।

आज का दिन कैसा रहा
डेली यह सवाल पूछकर आप बच्चे के जीवन में रुचि दिखाते हैं। यह न केवल कम्युनिकेशन को बेहतर बनाता है, बल्कि बच्चे को अपनी भावनाएं व्यक्त करने की आदत भी डालता है।

मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूं
बच्चों को यह यकीन दिलाना जरूरी है कि चाहे परिस्थिति कैसी भी हो, वे अकेले नहीं हैं। यह उन्हें इमोशनली मजबूत बनाता है।

मुझे तुम पर गर्व है
जब आप बच्चे की छोटी-छोटी उपलब्धियों की भी सराहना करते हैं, तो उसका आत्म-सम्मान बढ़ता है और वह खुद को और बेहतर बनाने की कोशिश करते है।

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