बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला : CBI ने पार्थ की टीम का कोर्ट में खोला काला चिट्ठा

सीबीआइ ने बंगाल में 2014 से 2021 के बीच हुए शिक्षा विभाग के भर्ती घोटाले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी व उनके पांच साथियों का कोर्ट में काला चिट्ठा खोला है। जांचकर्ताओं ने इस बाबत कई गवाहों के लिखित बयान पेश किए है, जिन्होंने बताया कि पार्थ ने पांच लोगों को टीम बनाकर घोटाले को अंजाम दिया था।

सीबीआइ ने बंगाल में 2014 से 2021 के बीच हुए शिक्षा विभाग के भर्ती घोटाले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी व उनके पांच साथियों का कोर्ट में काला चिट्ठा खोला है।

जांचकर्ताओं ने इस बाबत कई गवाहों के लिखित बयान पेश किए है, जिन्होंने बताया कि पार्थ ने पांच लोगों को टीम बनाकर घोटाले को अंजाम दिया था। सीबीआइ ने बताया कि घोटाला 2014 में सुबीरेश भट्टाचार्य के स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के चेयरमैन रहते शुरू हुआ था।

सुबीरेश के कार्यकाल में शिक्षक भर्ती परीक्षा में ओएमआर शीट परीक्षकों को पेंसिल से मूल्यांकन करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन मूल्यांकन के बाद परीक्षकों को कलम से हस्ताक्षर करने पड़ते थे।

इस तरह ओएमआर शीट में अंकों की हेराफेरी का रास्ता खुला रखा गया और मंत्री की सिफारिश वाले लोगों को मौका दिया गया। सुबीरेश जनवरी 2014 से जुलाई 2018 तक एसएससी के चेयरमैन रहे थे।

उस दौरान पार्थ के आदेश पर 7200 अयोग्य अभ्यर्थियों को नौकरी दी गई थी। उसके बाद शांति प्रसाद सिन्हा 2018 में सलाहकार के रूप में एसएससी में शामिल हुए।

माध्यमिक शिक्षा परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली व 2020 से एसएससी के अध्यक्ष अशोक साहा भी घोटाले में पार्थ के मुख्य सहयोगी थे।

शांतिप्रसाद, अशोक और कल्याणमय ने 2018 और 2021 के बीच कम से कम 1,200 अयोग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति की व्यवस्था की थी। सीबीआइ का दावा है कि 2014 से एसएससी के पास मौजूद भर्ती से जुड़े सभी दस्तावेज या तो नष्ट कर दिए गए हैं या छिपा दिए गए हैं।

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