केदारनाथ में दिव्य शिला के पीछे बनने वाली आदि शंकराचार्य की समाधि भूमिगत गुफा में होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने 19 मई को धाम पहुंच कर समाधि निर्माण के संबंध में दिशा निर्देश दिये हैं। इसके लिए 100 मीटर लंबी गुफा तैयार की जाएगी। सितंबर 2020 तक इसका कार्य पूरा करने की कोशिश की जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ मंदिर परिसर, गोल चबूतरा, मंदिर परिसर व मंदिर मार्ग का विस्तार करने के साथ संगम पर गोल चबूतरा का गोल निर्माण किया जा चुका है। मंदिर परिसर के मुख्य आकर्षण में से एक अराइवल प्लाजा है, जिसका क्षेत्रफल 64 वर्गमीटर है। इसके अलावा टेंपल प्लाजा और सेंट्रल प्लाजा भी यहां आकार ले चुके हैं।
केदारनाथ धाम को अंग्रेजी वर्णमाला के ‘यू’ अक्षर के आकार की तीन दीवारों से घेरा गया है। मंदिर के दोनों ओर मंदाकिनी एवं सरस्वती नदी की धारा के समानांतर पूरे परिसर को घेरते हुए बोल्डर की पहली दीवार बनी है। इसके बाद दूसरा घेरा धातु की जालियों के कवच वाली पत्थरों की दीवार का और तीसरा घेरा कंक्रीट की दीवार का है। केदारघाटी को वापस उसके स्वरूप में लाने के लिए नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के जवानों ने कर्नल अजय कोठियाल के नेतृत्व में मोर्चा संभाला और केदरानाथ में पुनर्निर्माण कार्य शुरू किया। सर्दियों में कड़ाके की ठंड में भी जवान और मजदूर निर्माण कार्य को तेज गति के साथ आगे बढ़ाते रहे।