प्रदूषण से भारत में गई 17 लाख से अधिक जानें

एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत मे प्रदूषण के कारण 17 लाख से ज़्यादा लोगों की मृत्यु हो गई। यह प्रदूषण जंगल की आग और जीवाश्म ईंधन के जलने से हुआ, जिससे हवा में जहर घुल गया। रिपोर्ट के अनुसार, मानव-जनित पीएम 2.5 प्रदूषण 2022 में भारत में 17,18,000 मौतों के लिए जिम्मेदार था।
2022 में भारत में मानव-जनित पीएम 2.5 प्रदूषण के कारण 17 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हुई। यह चौंकाने वाला आंकड़ा स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन पर लैंसेट की एक रिपोर्ट में सामने आया है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण 2024 में प्रत्येक व्यक्ति ने लगभग सात दिन अतिरिक्त लू वाले दिनों का सामना किया।
जंगल की आग, जीवाश्म ईंधन हवा में घोल रहे जहर
रिपोर्ट में कहा गया है कि मानव-जनित पीएम 2.5 प्रदूषण 2022 में भारत में 17,18,000 मौतों के लिए जिम्मेदार था, जो 2010 से 38 प्रतिशत अधिक है। 2020-2024 के दौरान, भारत में प्रति वर्ष औसतन 10,200 मौतें जंगल की आग से होने वाले पीएम 2.5 प्रदूषण के कारण हुईं, जो 2003-2012 की दरों से 28 प्रतिशत अधिक है। वहीं, जीवाश्म ईंधन (कोयला और तरल गैस) के कारण 7,52,000 (44 प्रतिशत) मौतें हुईं। सड़क परिवहन के लिए पेट्रोल के उपयोग से 2.69 लाख मौतें हुईं ।
गर्मी से संबंधित वैश्विक मौतें
जीवाश्म ईंधन पर निरंतर बढ़ती निर्भरता और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल न होने का खामियाजा लोगों के जीवन, स्वास्थ्य और आजीविका को भुगतना पड़ रहा है। स्वास्थ्य संबंधी खतरों पर नजर रखने वाले 20 में से 12 संकेतक अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गए हैं। अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि 1990 के दशक से गर्मी से संबंधित मौतों में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो बढ़कर 5,46,000 प्रति वर्ष हो गई है।
वैश्विक स्तर पर हो रहा है अरबों डालर का नुकसान
अत्यधिक गर्मी के कारण वैश्विक स्तर पर श्रम क्षमता में कमी से 2024 में 194 अरब डालर की आय का अनुमानित नुकसान हुआ। इस वर्ष गर्मी के संपर्क में आने से प्रति वर्ष 247 अरब संभावित श्रम घंटों की क्षति हुई। वहीं, प्रति व्यक्ति लगभग 420 घंटे का नुकसान हुआ, जो 1990-1999 की तुलना में 124 प्रतिशत अधिक है।
भारत में बढ़ा लू का प्रकोप
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारत में प्रत्येक व्यक्ति ने औसतन 19.8 दिन लू वाले दिनों का सामना किया। इनमें से 6.6 लू वाले दिन जलवायु परिवर्तन का परिणाम थे।





