पुतिन-चिनफिंग से मोदी गले क्या मिले, ठंडे पड़े गए अमेरिका के तेवर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे पर शी चिनफिंग और व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की चर्चा है। अमेरिकी वित्त मंत्री ने भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत बताया और टैरिफ विवाद (Trump Tariffs) का समाधान निकलने की उम्मीद जताई। वहीं उन्होंने भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने पर चिंता व्यक्त की जिसे यूक्रेन युद्ध को फाइनेंस करना बताया। ट्रंप ने भारत के साथ एकतरफा व्यापार संबंध का दावा किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 7 साल बाद हुए चीन के दौरे की काफी चर्चा हो रही है। दरअसल वहां उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की, जिसके तस्वीरें और वीडियो खूब वायरल हो रही हैं। इसे अमेरिका के लिए एक संकेत भी माना जा रहा है, जिसने भारतीय एक्सपोर्ट पर 50 फीसदी तक टैरिफ लगा दिया है।
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत के साथ कारोबार को “पूरी तरह से एकतरफा संबंध” कहने के कुछ घंटों बाद, यूएस के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट का अहम बयान आया है। उन्होंने टैरिफ मामले पर स्पष्ट रूप से नरम लहजे में कहा कि उन्हें विश्वास है कि वाशिंगटन और नई दिल्ली “इस समस्या का समाधान निकाल लेंगे।”
अमेरिका-भारत संबंधों की मजबूती पर जोर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बेसेंट ने टैरिफ और ऊर्जा नीति पर बढ़ते तनाव के बावजूद अमेरिका-भारत संबंधों की मजबूती पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दोनों लोकतंत्रों की नींव मजबूत है और वे अपने मतभेदों को सुलझाने में सक्षम हैं।
रूसी तेल खरीदने पर क्या बोले
हालांकि बेसेंट ने भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की लगातार खरीद को भी बढ़ती चिंता की वजह बताया। उन्होंने रूसी तेल खरीदने और फिर उसे दोबारा बेचने को यूक्रेन में रूसी युद्ध को फाइनेंस करना कहा। जहां बेसेंट का बयान नरम रहा, वहीं उनके बयान से कुछ घंटे पहले जारी किया गया ट्रंप का बयान सख्त रहा।
ट्रंप ने दावा किया कि भारत अमेरिका को “भारी मात्रा में सामान” बेचता है, लेकिन अपने मार्केट में अमेरिकियों की एक्सेस को कम करता है। ट्रंप के अनुसार अब तक यह पूरी तरह से एकतरफा रिश्ता रहा है, और ऐसा कई दशकों से रहा है।
25% से 50% कर दिया टैरिफ
अमेरिका ने पहले भारतीय वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाया था, क्योंकि उसे लगता है कि ट्रेड बैलेंस असंतुलित है। भारत द्वारा मॉस्को के साथ एनर्जी संबंध तोड़ने से इनकार करने के बाद अमेरिका ने 25% टैरिफ और लगाया, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया।