पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च की रिपोर्ट में खुलासा

बिहार में नवनिर्वाचित विधायकों में से करीब 12 प्रतिशत महिलाएं हैं। पिछले चुनावों की तुलना में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में मामूली वृद्धि हुई है, जबकि नई विधानसभा में लगभग 40 प्रतिशत सदस्यों के पास कॉलेज की डिग्री नहीं है। चुनाव लड़ने वाले लगभग 58 प्रतिशत मौजूदा विधायकों ने जीत दर्ज की है।

पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च की रिपोर्ट में खुलासा
थिंक टैंक पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है। रिपोर्ट में ये बात भी सामने आई है कि 55 साल से ज्यादा उम्र के विधायकों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार बिहार में 29 महिला उम्मीदवार विधायक बनी हैं जो विधानसभा की कुल 243 सीटों का करीब 12 फीसदी है।

आधी महिला विधायकों के पास कोई कॉलेज की डिग्री नहीं
2020 में 26 महिलाएं विधायक चुनी गई थी। 29 महिला विधायकों में 13 की उम्र 25 से 39 साल के बीच है। नौ महिला विधायक ऐसी हैं, जिनकी उम्र 40 से 54 साल के बीच है। आधी महिला विधायकों के पास कोई कॉलेज की डिग्री नहीं है।

नवनिर्वाचित विधायकों में से लगभग 32 प्रतिशत स्नातक
नई विधानसभा में स्नातकोत्तर डिग्री वाले विधायकों की संख्या 2020 के 23 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर 28% हो गई। उच्चतर माध्यमिक स्तर तक की योग्यता रखने वालों का अनुपात 2020 के 38% से बढ़कर 40% हो गया। नवनिर्वाचित विधायकों में से लगभग 32 प्रतिशत स्नातक हैं, जबकि पिछली विधानसभा में यह संख्या 40 प्रतिशत थी।

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