परिषदीय स्कूलों का अंग्रेजी माध्यम में चयन करने में कर दिया खेल

परिषदीय स्कूलों का अंग्रेजी माध्यम में चयन करने में खेल कर दिया गया है। छात्र हितों को दरकिनार कर स्कूलों का चयन किया गया है। ऐसे प्राइमरी स्कूलों चयनित किए गए हैं, जहां उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित नहीं थे। जबकि शासन ने एक ही परिसर में संचालित प्राइमरी व जूनियर स्कूलों के चयन की व्यवस्था की थी। इससे अधिक छात्रों को लाभ मिलना चाहिए था लेकिन, अफसरों ने मनमर्जी की।
अभिभावक बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाना चाहते हैं। इसको देखते हुए शासन ने ब्लॉकवार पांच-पांच प्राइमरी व कम से कम एक जूनियर को अंग्रेजी माध्यम से संचालित करने की योजना बनाई थी। इसके लिए अफसरों को विद्यालय चयन की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन, चयन में छात्रों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया है। इतना ही नहीं अब तक स्कूलों का संचालन भी नहीं कराया जा सका है।
ऐसे स्कूलों का होना था चयन
– स्कूलों का चयन छात्र व कक्षा कक्षों की संख्या, शैक्षिक स्थिति, फर्नीचर की उपलब्धता, भवन, मार्ग, ऊर्जीकरण व सामुदायिक सहभागिता के आधार पर करना था। इसमें ऐसे स्कूलों का चयन किया जा सकता था, जिसमें ऐसे प्राइमरी का भी चयन किया जा सकता था, जहां जूनियर भी उसी परिसर में संचालित हों। उच्च प्राथमिक विद्यालय को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित कर देना था।
अध्यापकों की कमी से नहीं किया चयन
– उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापकों की कमी है। जिसकी वजह से एक ही परिसर में संचालित प्राइमरी व जूनियर का चयन नहीं किया गया था। इस बार ऐसे स्कूलों का चयन प्राथमिकता के आधार पर कराएंगे।





