पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे किसान, दूसरे नंबर पर अमृतसर और पहले नंबर पर ये जिला

पराली जलाने वालों के खिलाफ सखती करते हुए जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक 59 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जा चुकी है और इतनी ही ज्यादा रैड एंट्री की जा चुकी है लेकिन इसके बावजूद किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। अभी एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां कथूनंगल टोल प्लाजा के पास जिओ के पैट्रोल पंप के बिल्कुल साथ ही खेतों में एक किसान की तरफ से पराली जलाई गई, जबकि ऐसा करना बहुत ज्यादा खतरनाक हो सकता था और पैट्रोल पंप भी आग की चपेट में आ सकता था। फिलहाल जिला प्रशासन की तरफ से मामले की जांच शुरू कर दी गई है। अमृतसर प्रशासन की बात करें तो सेटेलाइट के जरिए अब तक 162 मामले जिला प्रशासन को भेजे जा चुके हैं, जिसमें किसानों की तरफ से पराली को आग लगाई गई है और सभी साइट पर प्रशासनिक अधिकारी पहुंच भी रहे हैं।

तरनतारन जिला पंजाब में नंबर वन
पराली जलाने की बात करें तो कभी अमृतसर जिले का हिस्सा रहा तरनतारण जिला इस समय पंजाब में पराली जलाने में नंबर वन बन चुका है। तरनतारन में पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। हालांकि यहां भी प्रशासन की तरफ से पराली जलाने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जा रही है, लेकिन किसान अपनी कार्रवाई जारी रखे हुए हैं। अमृतसर जिले की बात करें तो डी.सी. साक्षी साहनी के तबादले के बाद नए डी.सी. दलविंदरजीत सिंह की पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के मूड में है और उन्होंने आते ही प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं।

रेड एंट्री वालों की आसानी से नहीं बिकती जमीन
जिला प्रशासन की तरफ से पटवारी के माल रिकॉर्ड में जहां रेड एंट्री कर दी जाती है, वह जमीन आसानी से बिकती नहीं है और न ही उस पर बैंक की तरफ से कर्ज दिया जाता है। जमीन की बिक्री व अन्य काम करने के लिए काफी सारी औपचारिकताओं को पूरा करना पड़ता है, जिससे भारी परेशानी होती है। पराली की बात करें तो पराली को जमीन में मिलाने के लिए प्रति एकड़ 3000 के लगभग खर्च आता है, लेकिन सरकार की तरफ से आज तक किसानों को यह मुआवजा नहीं दिया गया है। समय-समय की सरकारों की तरफ से ऐलान जरूर किए जाते रहे हैं, लेकिन असलियत में कुछ नहीं दिया गया।

पुलिस की तरफ से भी चलाया जा रहा जागरूकता अभियान
जिला प्रशासन की तरफ से पुलिस भी किसानों को लगातार जागरूक कर रही है और पराली न जलाने के लिए अपील कर रही है। अमृतसर देहाती पुलिस के एस.एस.पी. मनिंदर सिंह खुद जागरूकता कैंप में जा रहे हैं और किसानों को अपील कर रहे हैं और इसका असर भी नजर आ रहा है। पिछले वर्ष की तुलना में पराली जलाने के मामले कम हुए हैं।

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