प्रेग्नेंसी के बाद कम हो जाती है बोन डेंसिटी, मजबूत हड्डियों के लिए न्यूट्रिशनिस्ट ने बताया क्या खाएं

क्या आपको पता है प्रेग्नेंसी के दौरान और उसके बाद भी शरीर में कैल्शियम की खपत बढ़ जाती है। इसलिए अगर डाइट (Diet for Postpartum Recovery) पर ध्यान न दिया जाए तो हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। ऐसे में हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम के साथ-साथ और भी कुछ पोषक तत्वों को डाइट में शामिल करना जरूरी है।

प्रेग्नेंसी और मां बनने का सफर एक महिला के शरीर में कई बदलाव होते हैं। ऐसे में पोस्टपार्टम रिकवरी के दौरान जहां ज्यादातर ध्यान वजन घटाने और ब्रेस्टफीडिंग पर दिया जाता है, वहीं एक और जरूरी पहलू अक्सर अनदेखा रह जाता है- हड्डियों का स्वास्थ्य (Bone Health After Pregnancy)।

जी हां, प्रेग्नेंसी के दौरान और बाद में शरीर में कैल्शियम की जरूरत ज्यादा बढ़ जाती है। इसके कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है! अच्छी खबर यह है कि सही डाइट के जरिए आप न केवल इस नुकसान की भरपाई कर सकती हैं, बल्कि अपनी हड्डियों को पहले से भी ज्यादा मजबूत बना सकती हैं। आइए जानते हैं उन पोषक तत्वों और फूड्स (Foods for Postpartum Recovery) के बारे में जो आपकी पोस्टपार्टम रिकवरी का हिस्सा जरूर होने चाहिए।

क्यों कम होने लगता है कैल्शियम?
न्यूट्रिशनिस्ट, लवनीत बत्रा बताती हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर का लगभग 2-3% कैल्शियम शिशु को मिलता है। वहीं, ब्रेस्टफीडिंग के दौरान हर दिन 300-400 mg कैल्शियम सीधे दूध के जरिए शिशु तक पहुंचता है। इसके साथ ही, प्रेग्नेंसी के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर गिर जाता है, जिसके कारण भी हड्डियों की डेंसिटी 3% तक कम हो सकती है।

कैल्शियम से भरपूर डाइट
कैल्शियम हड्डियों के निर्माण के लिए सबसे जरूरी है। इसकी कमी को पूरा करने के लिए इन चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें-
रागी- रागी कैल्शियम का एक शानदार सोर्स है। इससे दलिया, पराठे या इडली बनाई जा सकती है।
तिल के बीज- थोड़े से तिल के बीजों में ही भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है। इन्हें लड्डू बनाकर, दही या सलाद में मिलाकर खाएं।
दूध और दही- डेयरी प्रोडक्ट्स कैल्शियम के सबसे आसान सोर्स हैं। रोजाना एक गिलास दूध, एक कटोरी दही या छाछ जरूर लें।
हरी पत्तेदार सब्जियां- पालक, ब्रोकली, और चौलाई का साग भी कैल्शियम से भरपूर होते हैं।

प्रोटीन और फाइटोएस्ट्रोजन
कम हुए एस्ट्रोजन के प्रभाव को कम करने के लिए प्रोटीन और फाइटोएस्ट्रोजन से भरपूर फूड्स लाभदायक होते हैं।
सोया और टोफू- सोयाबीन, टोफू और सोया मिल्क में आइसोफ्लेवोन्स नाम का कंपाउंड होता है, जो शरीर में एस्ट्रोजन जैसा प्रभाव दिखाते हैं।
अलसी के बीज- ये ओमेगा-3 फैटी एसिड और लिग्नन्स का भंडार हैं, जो हार्मोनल संतुलन में मददगार हैं।
दालें और नट्स- चना, मूंग दाल, बादाम और अखरोट प्रोटीन के अच्छे सोर्स हैं, जो हड्डियों की मरम्मत के लिए जरूरी हैं।

विटामिन-के और मैग्नीशियम
कैल्शियम अकेले काम नहीं करता। उसे शरीर में सही तरह से अब्जॉर्ब होने और हड्डियों में जमा होने के लिए अन्य पोषक तत्वों की जरूरत होती है।

विटामिन-के- यह हड्डियों में कैल्शियम को बांधने का काम करता है। हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, मेथी, सरसों का साग और मोरिंगा को अपनी डाइट में शामिल करें।
मैग्नीशियम- यह हड्डियों को मजबूत बनाता है। कद्दू के बीज, बादाम, काजू और केला मैग्नीशियम के बेहतरीन सोर्स हैं।

विटामिन-डी
बिना विटामिन-डी के आप जितना भी कैल्शियम खा लें, वह ठीक से अब्जॉर्ब नहीं हो पाता।
सूरज की रोशनी- सुबह की धूप विटामिन-डी का सबसे अच्छा और प्राकृतिक सोर्स है। रोजाना 15-20 मिनट धूप लेना जरूरी है।
डाइट- अपनी डाइट में अंडे की जर्दी, फैटी फिश और विटामिन-डी से फोर्टिफाइड फूड्स को शामिल करें।

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