‘पद्मावती’ की रिलीज को UP सरकार ने बताया शांति के लिए है खतरा

निर्देशक संजय लीला भंसाली की चर्चित फिल्म पद्मावती की रिलीज पर यूपी में फिलहाल संकट खड़ा हो गया है। राज्य सरकार ने केंद्र को चिट्ठी लिखकर कहा है कि एक दिसंबर को फिल्म रिलीज होने से शांति व्यवस्था को खतरा पैदा हो सकता है। उसी दिन प्रदेश में निकाय चुनाव की मतगणना और बारावफात का त्यौहार है।
'पद्मावती' की रिलीज को UP सरकार ने बताया शांति के लिए है खतराप्रदेश के प्रमुख सचिव गृह ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से आग्रह किया है कि वह पद्मावती फिल्म की कथावस्तु एवं ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किए जाने से व्याप्त जनाक्रोश एवं जनभावनाओं से सेंसर बोर्ड को अवगत कराएं। ब्यूरो

पद्मावती फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग
दरअसल, राजपूत समाज ने इसे परंपरा और संस्कृति पर हमला करार देते हुए ‘महाराणा प्रताप राजपूत सेवा समिति’ ने इसकी रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है। समिति के प्रदेश अध्यक्ष किशन ठाकुर ने जिला उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री मनोहरलाल सहित अन्य मंत्रियों को ज्ञापन भेजकर फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।

पद्मावती की रिलीज डेट पर करणी

फिल्म पद्मावती को लेकर सबसे पहले विरोध के सुर मुखर करने वाली करणी सेना अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है। फिल्म बैन करने की मांग करते हुए श्री राजपूत करणी सेना के संरक्षण लोकेंद्र सिंह कालवी ने एक दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। 

कालवी ने जयपुर के राजपूत सभा भवन में पत्रकार वार्ता में कहा कि अगर एक दिसंबर की तारीख आती है, तो फिल्म निर्माताओं को बहुत कुछ सहन करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वे राजपूतों के त्याग व शौर्य और इस फिल्म के खिलाफ जनजागरण के तहत विभिन्न राज्यों में दौरे कर रहे हैं। 

उन्होंने दावा किया कि  उन्हें देशभर से विभिन्न समुदायों का फिल्म के विरोध को लेकर समर्थन मिल रहा है। कालवी ने कहा कि वे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में आने वाले दिनों में दौरे करेंगे और भारत बंद को लेकर जन समर्थन जुटाएंगे।

 
 

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