पंजाब में वोट के लिए 3 मौजूदा सांसदों को शिफ्ट कर सकती है कांग्रेस

कांग्रेस इस बार पंजाब में तीन मौजूदा सांसदों को शिफ्ट कर सकती है। मोबाइल एप शक्ति के डाटा का आकलन करने के बाद इस पर गंभीर मंथन शुरू हुआ है। कांग्रेस की डाटा एनालिसिस टीम ने सुनील जाखड़, चौधरी संतोख सिंह और गुरजीत औजला को कहीं और से चुनाव लड़ाने की सिफारिश की है।पंजाब में वोट के लिए 3 मौजूदा सांसदों को शिफ्ट कर सकती है कांग्रेस

रिपोर्ट के मुताबिक, इनके हलकों में एंटी इनकंबेंसी फैक्टर है। साथ ही इन्हें शिफ्ट करने से दो फीसदी तक वोट बढ़ सकते हैं। वहीं, संतोख और औजला के प्रदर्शन पर भी सवाल उठ रहे हैं। स्टिंग ऑपरेशन आने के बाद संतोख की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। इसलिए पार्टी जाखड़ को फिरोजपुर, औजला को खडूर साहिब और संतोख को होशियारपुर शिफ्ट करने पर विचार कर रही है।

संतोख और औजला की टिकट कट भी सकती है। चौथे मौजूदा सांसद रवनीत बिट्टू को सेफ माना जा रहा है, लेकिन वहां बैंस फैक्टर पर पार्टी की नजरें हैं। पार्टी का मानना है कि वह शहरी वोटों में सेंध लगा सकते हैं। 2014 में सिमरजीत बैंस लड़े थे, तो आप से एचएस फूलका थे। बैंस ने कांग्रेस के वोट काटे, तो फूलका ने अकाली वोटों में सेंध लगाई, जिसके चलते बिट्टू जीत गए। इस बार फूलका नहीं हैं, तो इस सीट पर पार्टी अंतिम समय में फैसला लेगी।

केपी और ढिल्लों के टिकट पर उठे सवाल
अब तक कांग्रेस में टिकट वितरण के समय पहले तो विरोध होता था। फिर बड़े नेता अपने करीबियों को टिकट दिलाने के लिए एक-दूसरे के नामों पर सहमति बना लेते थे, हाईकमान भी मोहर लगा देती थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पा रहा है। दिल्ली में बैठे शख्स के पास हर सीट के बारे में पूरी जानकारी है, उसके सवालों के जवाब पंजाब के नेताओं के पास नहीं हैं।

सूत्रों के मुताबिक, 28 मार्च को हुई स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में जैसे ही आशा कुमारी ने जालंधर से मोहिंदर सिंह केपी को स्ट्रॉन्ग बताया, संगठन महासचिव केसी वेणु गोपाल ने उन्हें सवालों में फंसा दिया। उन्होंने कहा कि 2007 में मंत्री होते हुए केपी अपने परंपरागत हलके से हारे। 2009 में लोकसभा चुनाव हारे, उनकी पत्नी भी हारीं। फिर वह होशियारपुर से लोकसभा चुनाव हारे और 2017 में जब पार्टी सारे पंजाब में जीती, केपी नकोदर से हार गए।

यह कैसा स्ट्रांन्ग कैंडिडेट लाए हैं, जो कई वर्षों से लगातार हार रहा है। हाईकमान की सख्ती के कारण सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी केवल ढिल्लों का टिकट भी फंस गया है। उनके नाम पर पंजाब में किसी को आपत्ति नहीं है। लेकिन वेणु गोपाल ने कहा कि संगरूर में सिमरनजीत सिंह मान के अलावा शिअद, आप से लेकर पंजाब डेमोक्रेटिक अलायंस के उम्मीदवार जाट हैं।

कांग्रेस अगर वहां से हिंदू उम्मीदवार उतार देती है तो फायदा रहेगा। दिलचस्प है कि सीएम की हरी झंडी के बाद ढिल्लों ने संगरूर में चुनावी दफ्तर खोल दिया है। 15 लोगों की टीम भी लगा दी है और चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है।

तीन महिला हो सकती हैं उम्मीदवार
कांग्रेस हाईकमान ने फिलहाल मन बनाया है कि कोटे के मुताबिक महिला उम्मीदवार देने की कोशिश की जाए। अगर कोई समस्या नहीं आती है तो तीन महिलाओं को टिकट दिए जाएं। परनीत कौर के अलावा पार्टी बठिंडा से नवजोत कौर सिद्धू को लड़ाने पर विचार कर सकती है। हालांकि वहां के सर्वे में मनप्रीत बादल का नाम है। लेकिन कैप्टन लॉबी की कोशिश है कि नवजोत कौर को वहां से लड़वाया जाए। इसके अलावा होशियारपुर से संतोष चौधरी की बेटी नमिता चौधरी के नाम पर भी मंथन चल रहा है।

एससी सीटों का अलग सर्वे
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पंजाब समेत देश की एससी सीटों का एक अलग सर्वे कराया है। पार्टी को उम्मीद है कि सही उम्मीदवार देकर एससी वर्ग को अपनी तरफ मोड़ा जा सकता है। इसी कड़ी में पंजाब की एससी सीटों पर भी जातीय संतुलन बिठाया जा रहा है। राजकुमार वेरका को भी इसी कड़ी में हाईकमान के कहने पर वेयर हाउस कॉरपोरेशन का चेयरमैन बनाया गया है।

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