पंजाब में लग गई पूर्ण पाबंदी, लोगों को मिलेगी बड़ी राहत!

जिला मजिस्ट्रेट बरनाला, श्री टी बैनिथ ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार जिला बरनाला की सीमा के भीतर शाम 6 बजे से सुबह 10 बजे तक कंबाइन हार्वेस्टर से फसल की कटाई पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इस आदेश के पीछे मुख्य कारण रात में और सुबह जल्दी कटाई के दौरान ओस के कारण नमी वाली पराली (धान का पुआल) का अत्यधिक उत्पादन है। यह नम पराली हवा में धूल और धुएं को बढ़ाती है, जिससे वायु प्रदूषण में भारी वृद्धि होती है। इसके अलावा, रात में धुंध और धुएं के कारण दृश्यता कम हो जाती है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।

कंबाइन हार्वेस्टर के लिए सुपर एसएमएस अनिवार्य
जिला मजिस्ट्रेट ने धान की कटाई करने वाली कंबाइन हार्वेस्टर के मालिकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे मशीन का उपयोग करने से पहले कृषि विभाग से इसका निरीक्षण करवाएं। इसके साथ ही, किसी भी कंबाइन को सुपर एसएमएस (स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम) लगाए बिना इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। सुपर एसएमएस मशीन धान के पुआल को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट देती है और उसे समान रूप से फैला देती है, जिससे किसानों को इसे खेत में ही मिलाना आसान हो जाता है, जिससे पराली जलाने की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।

फसल अवशेष जलाने पर भी प्रतिबंध
एक अन्य आदेश जारी करते हुए, जिला मजिस्ट्रेट श्री टी बैनिथ ने कहा कि यह देखा गया है कि धान की फसल की कटाई के बाद किसान फसल के अवशेषों (पराली) को जला देते हैं, जिससे नुकसान का खतरा बना रहता है और हवा में धुएं से भारी प्रदूषण फैलता है। ऐसा करने से आस-पास खड़ी फसलों या गांव में भी आग लगने का डर रहता है। इसलिए, फसल के अवशेषों को जलाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

इन आदेशों का उद्देश्य धान की कटाई के मौसम में होने वाले वायु प्रदूषण को कम करना और पर्यावरण को सुरक्षित रखना है। इन नियमों का पालन न करने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उपरोक्त आदेश 13 नवंबर तक लागू रहेंगे। इन आदेशों को जारी करने का मुख्य उद्देश्य किसानों को सुरक्षित खेती के तरीके अपनाने और पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

किसानों से सहयोग की अपील
जिला प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे इन नियमों का पालन करें और पराली प्रबंधन के आधुनिक तरीकों को अपनाएं। सरकार किसानों को पराली जलाने से रोकने और वैकल्पिक समाधान प्रदान करने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है, जिसमें किसानों को पराली को खेत में मिलाने वाली मशीनें सब्सिडी पर उपलब्ध कराना शामिल है।

यह आदेश न केवल वायु प्रदूषण को नियंत्रित करेगा, बल्कि मिट्टी की उर्वरता को भी बनाए रखने में मदद करेगा। पराली जलाने से मिट्टी में मौजूद सूक्ष्मजीव और पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं, जबकि इसे खेत में मिला देने से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है। इस कदम से उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बरनाला जिले में वायु प्रदूषण का स्तर कम होगा और पर्यावरण को एक बड़ी राहत मिलेगी।

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