पंजाब चुनाव: जानिए किसी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला तो क्या होगा विकल्प


पंजाब की 15वीं विधानसभा के लिए शनिवार को वोटरों ने 1145 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद कर दिया। अब 11 मार्च को चुनाव नतीजों की घोषणा तक पंजाबवासियों का हर दिन इस चर्चा के साथ गुजरेगा कि सूबे में अगली सरकार किसकी बनेगी? चर्चा का विषय यह भी रहेगा कि पहली बार त्रिकोणीय चुनाव मुकाबले के बीच अगर किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला तो सूबे में सरकार बनाने के लिए कौन-कौन से दलों के बीच गठजोड़ होना संभव है?
शनिवार को शाम 5 बजे तक 70 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। हालांकि इस समय तक मतदान केंद्रों में पहुंच चुके वोटरों ने रात करीब 9 बजे तक वोट डाले और कुल मतदान 75 फीसदी दर्ज हुआ, जोकि वर्ष 2012 के 76.6 फीसदी मतदान से कम है। इस बीच, पूरा दिन विभिन्न ?हलकों से प्राप्त हुए वोटरों के रुझान से यही निष्कर्ष निकला कि अधिकांश विधानसभा सीटों पर मुकाबला कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच रहा।
शिअद-भाजपा गठबंधन के इस दौड़ में तीसरे स्थान पर पिछड़ने की आशंका जताई गई है। प्रदेश का मालवा क्षेत्र जहां सबसे अधिक 69 विधानसभा हलके हैं और इसी क्षेत्र में सर्वाधिक सीटें जीतने वाली पार्टी की ही हमेशा सरकार भी बनती रही है, में कांग्रेस और आप के बीच बराबर की टक्कर दिखाई दी।