न्यूयॉर्क में ईरान पर हमले के विरोध में प्रदर्शन

ईरान पर अमेरिकी हमलों के बाद न्यूयॉर्क में लोग सड़क पर उतर आए। लोगों ने अमेरिकी हमलों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। सैकड़ों लोगों ने न्यूयॉर्क की सड़कों पर मार्च किया। साथ ही फलस्तीनी झंडे लहराए और ईरान से हाथ हटाओ और ईरान पर युद्ध बंद करो लिखी तख्तियां पकड़कर नारेबाजी की। वहीं ईरान पर किए हमलों और इस्राइल के प्रति समर्थन को लेकर अमेरिकियों ने चिंता भी जाहिर की।
अमेरिका ने शनिवार-रविवार की दरमियानी रात ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए थे। इन हमलों में ईरान के फोर्डो, इस्फहान और नतांज परमाणु स्थलों को निशाना बनाया गया था। हमलों के विरोध में न्यूयॉर्क में लोगों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों ने ईरान संघर्ष के साथ ही गाजा में सैन्य अभियान के लिए इस्राइल की आलोचना की।
अलर्ट पर पुलिस
ईरान पर हमलों के बाद अमेरिका के कई शहरों में हाईअलर्ट है। न्यूयॉर्क सिटी पुलिस ने कहा कि वह ईरान में हो रहे घटनाक्रम को लेकर शहर के प्रमुख स्थलों पर अधिक पुलिस बल तैनात कर रहा है। पुलिस ने कहा कि पूरे शहर में धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनयिक स्थलों पर पुलिस बल तैनात किया जाएगा।
लोगों ने इस्राइल के समर्थन को लेकर जताई चिंता
अमेरिका के लोगों ने इस्राइल के समर्थन को लेकर चिंता जताई है। इराक युद्ध की यादें ताजा करते हुए लेटॉन टैलव्हाइटमैन ने कहा कि मेरा विचार खतरे को खत्म करना है। जैसा कि बुश ने इराक में कहा था, हम खतरे को खत्म करने जा रहे हैं। हम सामूहिक विनाश के हथियार खोजेंगे और उन्हें खत्म करेंगे। क्या यह उनकी योजना के अनुसार हुआ? मुझे लगता है ऐसा नहीं हुआ।
फ्लोरिडा के केंट बेराम ने कहा कि ट्रंप का कांग्रेस से स्पष्ट समर्थन के बिना इस हमले को मंजूरी देना थोड़ा अपमानजनक था। वह ईरान पर इस्राइल के हालिया हमलों का समर्थन करने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका से सहमत नहीं हैं। हम सैनिकों को खतरे में डाल रहे है। जाहिर है कि हमारे सभी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई हो रही है।
बिलिंग्स में ट्रंप समर्थक पैटी एलमैन ने कहा कि मुझे चिंता है कि कहीं अमेरिका एक और लंबे संघर्ष में न फंस जाए। अमेरिका में हमारे पास दूसरे देशों के युद्धों में शामिल होने के लिए पर्याप्त चीजें हैं। हम अभी अपना ख्याल रखें। 61 वर्षीय एलमैन ने कहा कि अगर अमेरिका पर हमला होता है तो उसे जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन उसे अन्य देशों के साथ ईरान के संघर्ष से दूर रहना चाहिए। यह उनका काम है। हमें अमेरिकियों के बारे में चिंता करनी चाहिए और यह सोचना चाहिए कि हम कैसे जीवित रहेंगे और क्या हमें सामाजिक सुरक्षा मिलेगी।
कुछ लोगों ने किया समर्थन
सेवानिवृत्त वायु सेना के दिग्गज केन स्लैबॉ ने कहा कि वह ट्रंप के फ़ैसले और इसे अंजाम देने वाले सैन्यकर्मियों के समर्थक हैं। ईरान ने दशकों से अपने परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत के प्रति प्रतिरोध दिखाया है। यह समस्या ट्रंप को विरासत में मिली है। ईरान पर भरोसा नहीं किया जा सकता है और न ही उसे परमाणु हथियार हासिल करने की अनुमति दी जा सकती है। न्यूयॉर्क की नैन्सी मायर ने कहा कि यह 40 साल पहले किया जाना चाहिए था।