नोएडा में पुलिस की मौजूदगी में मंदिर का चबूतरा तोड़े जाने से बवाल, पढ़े पूरी खबर

नोएडा के थाना-20 क्षेत्र के सेक्टर-9 में स्थित बीते शुक्रवार देर रात एक मंदिर का चबूतरा तोड़े जाने का मामला अभी शांत नहीं हुआ है. चबूतरा तोड़े जाने के विरोध में स्थानीय लोग पिछले 4 दिन से धरने पर बैठे हुए हैं.
पुलिस फोर्स की मौजूदगी में सेक्टर 9 में शुक्रवार की देर रात एक मंदिर का चबूतरा तोड़ दिया गया, लेकिन लोगों की नाराजगी है कि इस पूरे प्रकरण पर प्रशासन शांत रहा, लेकिन जब पीड़ित समुदाय ने इसका विरोध किया तो पुलिस ने उन पर लाठी चार्ज के साथ दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
हालांकि उस समय आक्रोशित बड़ी संख्या में लोगों ने पुलिस थाने और सिटी मजिस्ट्रेट के ऑफिस पर धरना दिया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.
पुलिस ने 2 लोगों को पकड़ा
मामले में प्रशासन की ओर से कुछ भी नहीं किए जाने पर लोगों को जब कुछ नहीं सूझा तो धरने पर बैठ गए, लेकिन किसी भी अधिकारी को कोई फर्क नहीं पड़ा. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार कश्मीर में नए मंदिर बनाने की बात कह रही है, लेकिन पुराने मंदिर नहीं बचा पा रही है. अगर मांगें नहीं मानी गई तो हम धरने पर बैठे रहेंगे. धरना देने वालों में महिला, पुरुष और बच्चे भी शामिल हैं जो नोएडा के सेक्टर 9 के निवासी हैं.
दरअसल बीते शुक्रवार की देर रात करीब चार दिन पहले दो समुदाय के बीच मंदिर का चबूतरे तोड़ने को लेकर विवाद हो गया था, लेकिन आरोप है कि सूचना पाकर पुलिस ने भी आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने की बजाए पीड़ित पक्ष के ही दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जबकि वहां मौजूद कुछ महिला और पुरुषों ने इसका विरोध किया तो पुलिस ने उनके साथ भी मारपीट भी की.
‘मंदिर नहीं तो मस्जिद भी नहीं’ के नारे लगाए
आक्रोशित भीड़ ने देर रात नोएडा थाना 20 पर प्रदर्शन किया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. उसके बाद इन लोगों ने अगले दिन शनिवार को सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर पहले हनुमान आरती की और फिर ‘मंदिर नहीं तो मस्जिद भी नहीं’ के नारे लगाए. प्रदर्शनकारियों का कहना है, कि जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक हम यहां से नहीं हटेंगे.
लोगों का कहना है कि प्रदर्शन करते हुए चार दिन हो गए हैं, लेकिन शासन-प्रशासन की तरफ से उनके हक में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उनका आरोप है कि हमें डराया धमकाया जा रहा है और पुलिस जेल भेजने की धमकी भी दे रही है.
दूसरी ओर, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मौजूदा सरकार जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी किए जाने के बाद वहां पर नए मंदिर बनवाने के बारे में बात कह रही है, लेकिन वह पुराने मंदिर नहीं बचा पा रही.





