नेपाल: मधेश सीएम के शपथ ग्रहण का विरोध, कार्यालय में तोड़फोड़

नेपाल के मधेस प्रांत में सीपीएन-यूएमएल नेता सरोज कुमार यादव को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद हिंसा फैल गई। जनकपुरधाम के मुख्यमंत्री कार्यालय में तोड़फोड़ और सड़क जाम की घटनाएं हुईं। प्रांतीय प्रमुख सुमित्रा सुवेदी भंडारी ने यादव को शपथ दिलाई, जबकि नेपाली कांग्रेस समेत सात दलों की दावेदारी नजरअंदाज की गई।

जेन-जी के विरोध प्रदर्शन से उबर रहे नेपाल में अब मधेस में हिंसा भड़क गई है। जनकपुरधाम स्थित मधेश के मुख्यमंत्री के ऑफिस में जमकर तोड़फोड़ हुई। भारत से सटे मधेश प्रांत में सीपीएन-यूएमएल संसदीय दल के नेता सरोज कुमार यादव को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम के बाद नेपाल सरकार ने प्रांतीय प्रमुख सुमित्रा सुवेदी भंडारी को उनके पद से हटा दिया है।

दरअसल, एलएसपी नेता जितेंद्र सोनल को अनुच्छेद 168 (2) के तहत नियुक्त किया गया था, लेकिन वह 8 नवंबर को विश्वास मत हासिल करने में विफल रहे थे।

ऐसे में सरोज कुमार यादव की नियुक्ति की गई। प्रांतीय प्रमुख सुमित्रा सुबेदी भंडारी ने महोत्तरी में बर्दीबास के एक होटल से सोमवार तड़के 4 बजे यादव को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। हालांकि नियुक्ति पत्र रविवार की तारीख में जारी किया गया। इतना ही नहीं, केपी शर्मा ओली के प्रधानमंत्रित्व काल में प्रांत प्रमुख नियुक्त की गई सुमित्रा ने नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन की दावेदारी को नजरअंदाज कर दिया।

नेपाली कांग्रेस समेत सात दलों ने सरकार गठन के लिए भंडारी को औपचारिक सूचना दी थी लेकिन वह बीमारी का हवाला देते हुए काठमांडो चली गई थीं। हालांकि इसी दौरान, उन्होंने होटल से ही सरोज यादव को मुख्यमंत्री नियुक्त करने का पत्र जारी कर दिया और उन्हें शपथ भी दिला दी। इसके बाद नेपां, जेएसपी और लोसपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की, टायर जलाए और सड़कें जाम कर दीं। मुख्यमंत्री के चैंबर में फर्नीचर व संपत्ति को क्षति पहुंचाई।

धोखे से की गई सरोज यादव की नियुक्ति : जितेंद्र सोनल

एक दिन पहले ही इस्तीफा देने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जितेंद्र सोनल ने भंडारी पर आरोप लगाया कि उन्होंने काठमांडो में मेडिकल उपचार के लिए जाने का नाटक कर चुपके से सरोज यादव को नियुक्त कर मधेश के लोगों के साथ धोखा किया है। यूएमएल गठबंधन से अलग होने के बाद माओवादी सेंटर और मधेश आधारित पार्टियों के साथ मिलकर नई सरकार बनाने की तैयारी कर रही नेपाली कांग्रेस ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। पार्टी महासचिव विश्व प्रकाश शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि मधेस प्रांत में जो हुआ वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।

यह राजनीति विरोधी कदम सिर्फ संघवाद के प्रति लोगों की निराशा को और बढ़ाएगी। राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) ने भी कहा कि जब आर्टिकल 168 (2) के तहत सरकार बन सकती थी, तब भी यह नाटक किया गया। हम उम्मीद करते हैं कि न्यायपालिका इसे ठीक करेगी। नेपाली कांग्रेस ने कहा, इस मुद्दे का असर अगले चुनावों पर भी पड़ना तय है।

भारत-नेपाल सीमा बिहार चुनाव के चलते बंद

विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण से पहले भारत-नेपाल सीमा पर बॉर्डर पॉइंट 72 घंटे के लिए बंद कर दिए गए हैं। सरलाही, महोत्तरी और रौतहट सहित कई ज़िलों में बॉर्डर पॉइंट तीन दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं। महोत्तरी जिले ने भारत के साथ अपने ग्यारह सीमा बिंदु बंद कर दिए हैं। महोत्तरी के असिस्टेंट चीफ डिस्ट्रिक्ट ऑफिसर संजय कुमार पोखरेल ने कहा, 11 नवंबर को बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए, सुरक्षा के लिहाज से हमने सीमा पार लोगों की आवाजाही रोक दी है। महोत्तरी जिले की सभी सीमाएं बंद कर दी गई हैं। ये सीमा बिंदु मंगलवार शाम 6 बजे तक बंद रहेंगे। आपात मामलों में वाहनों को प्रवेश की अनुमति रहेगी।

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