नीरव मोदी को सबसे बड़ा झटका, अब ऐसे बकाया रकम वसूलेगा सरकारी बैंक
नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक को 13 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाने वाले हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जब्त संपत्तियां बैंक को सौंप दी जाएंगी। एक समाचार चैनल के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त नीरव मोदी की संपत्ति पीएनबी को दी जाएगी।
खबरों के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय ने नीरव मोदी की 1200-1500 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। आपको बता दें कि नीरव मोदी को पिछले साल मार्च में लंदन में गिरफ्तार किया गया था। तब से वो दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में कैद है।
नीरव मोदी की 1200-1500 करोड़ रुपये की संपत्ति पीएनबी के पास मॉर्गेज है और ईडी द्वारा जब्त की गई ये संपत्ति अब पीएनबी को लौटा दी जाएगी। पीएनबी के पास मॉर्गेज संपत्तियों में शेयर और दक्षिण मुंबई में प्रॉपर्टीज हैं।
इसके अलावा मेहुल चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किए जाने के बाद पीएनबी के पास मॉर्गेज उनकी संपत्ति भी बैंक को लौटा दी जाएगी।
पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर एक विशेष अदालत में ये फैसला सुनाया गया। नीरव मोदी, विजय माल्या के बाद दूसरा ऐसा कारोबारी है जिसे नए भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी करार दिया गया है। ये अधिनियम पिछले साल अगस्त में प्रभाव में आया था।
नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी और कई अन्य लोगों पर पीएनबी को 13 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है। नीरव मोदी के खिलाफ फ्यूजिटिव इकनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट इसलिए लगाया गया, क्योंकि वह 1 जनवरी 2018 को देश छोड़कर फरार हो गया।
नीरव मोदी को पिछले साल मार्च में लंदन में गिरफ्तार किया गया और तब से वह न्यायिक हिरासत में है। उसे भारत लाने के लिए प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जारी है। विजय माल्या के बाद नीरव मोदी दूसरा कारोबारी है, जिसे फ्यूजिटिव इकनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट के आधार पर भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया है।
पिछले महीने मामा-भांजे मेहुल चोकसी और नीरव मोदी दोनों को कोर्ट से झटका लगा। एक तरफ लंदन में नीरव मोदी की हिरासत 2 जनवरी तक के लिए बढ़ा दी गई है तो दूसरी तरफ बॉम्बे हाई कोर्ट ने मेहुल चोकसी की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसके खिलाफ विशेष अदालत में चल रही प्रक्रिया को स्थगित करने का आग्रह किया गया था।
जांच एजेंसियों के मुताबिक, नीरव मोदी और उसके मामा चोकसी ने कुछ बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर कथित रूप से पीएनबी को धोखाधड़ी के साथ गारंटी पत्र (एलओयू) जारी करा कर 13,000 करोड़ रुपये का चूना लगाया। ये गारंटी पत्र मार्च 2011 से ही मुंबई की पीएनबी की एक बैंक शाखा से कथित तौर पर धोखाधड़ी करके मोदी से जुड़ी कंपनियों के समूह के पक्ष में जारी किए जाते रहे। ये गारंटी पत्र तब तक जारी होते रहे, जब तक कि यह मामला सामने नहीं आ गया।