आइकावा फ्रॉड के नाम से चर्चित मामले में आरोपित कपिल अद्वैत उर्फ पायलट बाबा ने गुरुवार को सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। सीजेएम कोर्ट और फिर जिला जज की कोर्ट ने बाबा की जमानत की अर्जी खारिज कर दी। 82 वर्षीय पायलट बाबा को देर शाम न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
हाई प्रोफाइल मामला होने के कारण दिन भर कोर्ट का माहौल गर्म रहा।वहीं रात करीब साढ़े 12 बजे जेल में पायलट बाबा की तबियत अचानक बिगड़ गई। जेल कर्मी तुरंत उन्हें बीडी पांडेय अस्पताल ले गए। वहां इमरजेंसी में तैनात डॉ. हाशिम अंसारी ने उनका परीक्षण किया। पायलट बाबा का बीपी बढ़ा हुआ था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। डॉक्टर ने उन्हें सुशीला तिवारी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। डॉ. अंसारी ने बताया कि बाबा की पहले से दवा चल रही है।
धोखाधड़ी की घटना गेठिया में 13 जून 2008 से 25 नवंबर 2008 के बीच की है। आइकावा इंटरनेशनल एजूकेशन संस्था के खिलाफ तल्लीताल थाने में हल्द्वानी निवासी डॉ. हरीश पाल ने शिकायती पत्र दिया था। इसके आधार पर पुलिस ने हिमांशु राय, कपिल अद्वैत उर्फ पायलट बाबा, इशरत खान, इरफान खान, विजय यादव, पीसी भंडारी और मंगल गिरी के खिलाफ धारा 420 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
हरीश पाल की शिकायत थी कि आइकावा के संस्थापक, संचालक और चेयरमैन हिमांशु राय और पायलट बाबा समेत अन्य ने ठगी कर उनसे कंप्यूटर सेंटर की फ्रेंचाइजी के नाम पर 67760 रुपये लिये। उन्हें इसके एवज में प्रतिमाह 50 हजार 500 रुपये देने का झांसा दिया गया। हरीश पाल का आरोप है कि उनसे कुल 320760 रुपये की राशि हड़पी गई। हल्द्वानी निवासी नवाब हुसैन, अनुराग माजिला और तबस्सुम अशफाक समेत उत्तर प्रदेश, हरियाणा के 11 हजार लोगों से भी धोखाधड़ी की गई।
आइकावा इंटरनेशनल एजूकेशन संस्था के खिलाफ वर्ष 2008 में बरेली के बारादरी और हरियाणा के फतेहपुर में भी आपराधिक मुकदमा दर्ज किया गया था। इस केस की विवेचना सीबीसीआईडी से कराई गई। सीबीसीआईडी ने विवेचना के बाद सभी सातों आरोपियों के खिलाफ 15 जून 2010 को आरोप पत्र सीजेएम कोर्ट में दाखिल किया था। तब से आरोपी ट्रायल का सामना करने से बचते रहे। पायलट बाबा ने इस मामले में हाईकोर्ट में अपील की थी।
कोर्ट ने उन्हें सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण करने और कोर्ट को उसी दिन जमानत अर्जी पर सुनवाई करने के निर्देश दिए थे। बाबा ने गुरुवार को सीजेएम कोर्ट में सरेंडर किया। सीजेएम मुकेश चंद्र ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी। इसके बाद बाबा ने जिला जज के न्यायालय में जमानत प्रार्थना पत्र दिया। जिला जज नरेंद्र दत्त ने रात आठ बजे पायलट बाबा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। इस मामले के शेष छह आरोपी अभी तक फरार हैं।