धवन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ, चौथे वनडे में करियर की सर्वश्रेष्ठ 143 रनों की पारी खेली
शिखर धवन आलोचक जब भी उन पर हावी होने लगते हैं, तो यह स्टार बल्लेबाज शानोशोकत तरीके से वापसी करता है. उन्होंने कहा कि खराब दौर के दौरान हो रही आलोचना को अधिक तवज्जो नहीं देकर वह मुश्किल समय से उबरने में सफल रहते हैं.
पिछले छह महीने से अंतरराष्ट्रीय शतक जड़ने में नाकाम रहे धवन ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रविवार को मोहाली में खेले गए चौथे वनडे में करियर की सर्वश्रेष्ठ 143 रनों की पारी खेली, लेकिन भारत को जीत नहीं दिला पाए.
धवन से जब यह पूछा गया कि आलोचना पर वह क्या प्रतिक्रिया देते हैं, तो उन्होंने कहा कि अपनी दुनिया में जीने से उन्हें मानसिक रूप से शांत रहने में मदद मिलती है.
धवन ने भारत की चार विकेट से हार के बाद कहा, ‘सबसे पहले तो मैं अखबार नहीं पढ़ता और मैं ऐसी सूचना नहीं लेता जो मैं लेना नहीं चाहता. इसलिए मुझे नहीं पता होता कि मेरे आसपास क्या हो रहा है और मैं अपनी दुनिया में जीता हूं. इसलिए मैं फैसला करता हूं कि मेरे विचार किस दिशा में जाएंगे.’
बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तब करता हूं, जब धैर्य बरकरार रखता हूं. दुखी और परेशान होने का कोई मतलब नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘जब मुझे पीड़ा महसूस होती है तो मैं तेजी से आगे बढ़ जाता हूं और मुझे नहीं पता होता कि लोग क्या लिख रहे हैं. मैं सुनिश्चित करता हूं कि मैं सकारात्मक रहूं और अपनी प्रक्रिया पर आगे बढ़ता रहूं.’
इस ‘प्रक्रिया’ के बारे में पूछने पर धवन ने कहा, ‘जब मैं स्वयं से बात करता हूं तो मैं यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता हूं मैं नकारात्मक सोच को रोक सकूं.’
उन्होंने कहा, ‘मैं हकीकत को स्वीकार करता हूं और आगे बढ़ता हूं. अगर कुछ हो रहा है तो मैं उसमें रोड़ा नहीं अटकाता. अगर यह अच्छा है, तो फिर अच्छा है.’
वनडे इंटरनेशनल में पांच हजार से अधिक रन बनाने वाले धवन के लिए तीन चीजें सर्वोच्च हैं. धवन ने कहा, ‘अगर मैं अपने सारे कौशल का इस्तेमाल करूं, अपनी फिटनेस का ख्याल रखूं और सही मानसिकता रखूं तो फिर मैं इसका लुत्फ उठा सकता हूं.’
धवन ने टीम के अपने जूनियर साथी ऋषभ पंत के प्रति सहानुभूति जताई, जिन्होंने विकेट के पीछे काफी खराब प्रदर्शन किया. अंतिम दो मैचों के लिए महेंद्र सिंह धोनी की जगह टीम में शामिल पंत ने विकेट के पीछे लचर प्रदर्शन किया और स्टंपिंग का आसान मौका भी गंवा दिया.
उन्होंने कहा, ‘किसी भी अन्य युवा खिलाड़ी की तरह आपको उसे भी समय देना होगा. मेरे कहने का मतलब है कि धोनी भाई ने इतने वर्षों में सारे मैच खेले हैं. आप उनसे तुलना नहीं कर सकते.’
धवन ने कहा, ‘हां, अगर वह स्टंपिंग कर देता तो शायद मैच बदल सकता था, लेकिन यह तेजी से हमारे हाथों से फिसलजाने पर ओस ने अहम भूमिका निभाई. यह ऐसा ही था.’
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— BCCI (@BCCI) March 10, 2019