देशभर में खुलेंगे 100 जीएसटी क्लीनिक, हर तरह की टैक्स समस्या का होगा…

देश में 30 जून आधी रात से जीएसटी लागू होने वाला है और इसके चलते व्यापारियों से लेकर आम नागरिकों तक में असमंजस का माहौल बना हुआ है. ऐसे में छोटे व्यापारियों का संगठन कैट देशभर में 100 जीएसटी क्लीनिकों का आयोजन करेगा. यह एक जुलाई से लागू होने वाली नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को अपनाने में व्यापाारियों की मदद करेगा.देशभर में खुलेंगे 100 जीएसटी क्लीनिक, हर तरह की टैक्स समस्या का होगा...

कैट ने एक बयान में कहा कि वह एचडीएफसी बैंक, टैली सॉल्युशंस और मास्टरकार्ड के साथ मिलकर काम कर रहा है. उसका प्रयास करीब छह करोड़ व्यापारियों तक पहुंच बनाना है. संगठन ने कहा कि एक जुलाई से इसका पहला चरण शुरू होगा और व्यापारी समुदाय को नई व्यवस्था को आसानी अपनाने में मदद करेगा.

शुरुआत में नियमों के उल्लंघन में ढील

सरकार ने भरोसा दिलाया है कि जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद शुरुआत में उल्लंघनों में जुर्माने लगाने में उदारता बरती जाएगी. राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने विश्वास दिलाया कि रिटर्न दाखिल करने में अनजाने में हुई गलतियों और कर अपवंचना के लिए जानबूझकर की गई गलती में भेद किया जाएगा. अधिया ने कहा, “हमारी मंशा जीएसटी को सुगम तरीके से लागू करने की है.हमारा इरादा पहले महीने किसी को परेशान करने का नहीं है.” अधिया ने कहा कि हम अनजाने में हुई गलतियों के लिए काफी उदारता दिखाएंगे.
 
ई-कामर्स, नई कंपनियों के लिए जीएसटी पंजीकरण आज से

ई-कामर्स परिचालकों तथा टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) काटने वाले 25 जून से खुद का जीएसटी नेटवर्क पर पंजीकरण करा पाएंगे.उस दिन पोर्टल नए पंजीकरणों के लिए फिर खुलेगा.

इसके अलावा मौजूदा उत्पाद, सेवा कर और मूल्य वधर्ति कर (वैट) देने वालों को जीएसटीएन पोर्टल पर स्थानांतरण के लिए एक और मौका मिलेगा, क्योंकि उनके लिए भी पंजीकरण रविवार को खुलेगा जो तीन महीने तक जारी रहेगा. जीएसटीएन पोर्टल 25 जून से पंजीकरण के नए आवेदन स्वीकार करेगा.

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जीएसटीएन ने बयान में कहा कि जीएसटी प्रैक्टिशनर्स, टीडीएस और ई-कामर्स परिचालकों के लिए भी पंजीकरण शुरू होगा.नई कर व्यवस्था के लिए आईटी आधार उपलब्ध कराने वाली कंपनी जीएसटीएन मौजूदा कर दाताओं को भी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन से पांच दिन पहले स्थानांतरण का मौका देगी.

कुल 81 लाख करदाताओं में से 65.5 लाख पहले ही इस पोर्टल पर स्थानांतरित हो चुके हैं. जीएसटी व्यवस्था में कारोबार करने के लिए जीएसटीएन पर पंजीकरण जरूरी है.कारोबारियों को इस पोर्टल पर मासिक आपूर्ति आंकड़े डालने होंगे और रिटर्न फॉर्म दाखिल करना होगा.

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