दुनिया के सबसे रहस्यमय देश में 30 बार गई महिला, किए रोचक खुलासे

आपने यात्रा के लिए दुनिया के कई देशों का नाम सुना होता है. इंटरनेट और सोशल मीडिया पर भी आपको बहुत ही ज्यादा सलाह मिल सकती है. आपको बहुत से देशों की सूची मिल जाएगी जहां आप जाना पसंद करेंगे. पर दुनिया में एक जगह ऐसी भी है, जहां ना जाने की सलाह दी जाती है, दुनिया के सबसे रहस्यमय देश के तौर पर मशहूर उत्तर कोरिया के बारे में ज्यादा कुछ लोगों को पता नहीं है. 30 बार यहां जा चुकी एक महिला ने इस देश के बारे में रोचक खुलासे किए हैं. पर साथ ही कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है, नहीं तो आप वहां फंस सकते हैं.
कई पर्यटकों को भेजा है यहां
हैरानी की बात है जिस देश में दुनिया के मीडिया में नहीं जाने की ही सलाह दी जाती है, ज़ो स्टीफ़न ने यहां की तारीफ की है. ब्रिटेन की ज़ो लोगों को दुनिया भर में घूमाने से लिए टूर गाइड का काम करती हैं. वे कई लोगों को वहां पर्यटकों के तौर पर भेज चुकी है. लेकिन उन्होंने जो खुलासे किए हैं, वह दुनिया के लोग नहीं जानते हैं.
कुछ अजीब सी बातें, लेकिन
ज़ो बताती हैं कि बेशक उत्तर कोरिया में तानाशाही है जहां के हजारों नागरिकों को भी जेल में रखा जाता है, दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक इस देश के पास बहुत ही बड़ी सेना है. लेकिन फिर भी वह शानदार जगह है. यहां के कुदरती नजारे बहुत ही अद्भुत हैं. यहां कुछ सावधानियां बरतनी पड़ती हैं. बस कुछ कड़े से नियमों के पालन करना जरूरी है. क्योंकि ऐसा ना करने पर पर्यटक को सजा तक हो सकती है.
किन बातों का रखना है ध्यान?
आप इस देश में अकेले सफर नहीं कर सकते हैं. आपको कम से कम दो गाइड को अपने साथ रखना होता है. आप यहां फालतू बात या मजाक नहीं कर सकते हैं. हलकी फुलकी तस्वीरें भी नहीं ले सकते हैं ना ही शासक किम जोंग उन के आर्टवर्क वीडियो बना सकते हैं. यहां आपको सैन्य और निर्माण स्थलों की तस्वीर नहीं लेने का ध्यान रखा होगा. यात्राओं में अपने समूह के साथ ही रहना होगा.
सामान्य जीवन जीते हैं लोग
फिर भी लोगों को इस देश के बारे में कई गलतफहमियां हैं. दुनिया के बहुत से लोग सोचते हैं कि यहां बहुत ही गरीबी है, लोग भूखे मर रहे हैं और यहां से भागना चाहते हैं. लेकिन असल में वहां लोग रोजाना सामान्य जीवन जीते हैं. ज़ो का कहना है कि अगर आपने नियमों का पालन किया तो उत्तर कोरिया असुरक्षित देश नहीं हैं.
ज़ो ने कई और रोचक खुलासे भी किए हैं. जैसे यहां के लोग यह नहीं समझ पाते हैं कि उनके विदेश पर्यटक बस में सफर करने से बचते क्यों हैं. वहीं पर्यटक कई बार केवल पैदल ही चलना चाहते हैं. ज़ो के इस प्रयास को कई लोग एक प्रोपोगेंडा कहते हैं. लेकिन ज़ो का कहना है कि उन्हें वहां कभी असुरक्षित नहीं लगा. बस सफर के दौरान वे अपनों से बात नहीं कर पाती हैं.