दुनिया की एक ऐसी जेल जहाँ मारे गए 100 से ज्यादा लोग, पूरी खबर पढ़कर हिल गई पूरी दुनिया…

यमन में घरेलू हिंसा खत्म होने का नहीं ले रही है और क्षेत्र में एक एयरस्ट्राइक के कारण 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. इंटरनेशनल कमिटी ऑफ द रेड क्रॉस (आईसीआरसी) की ओर से कहा गया कि सऊदी की अगुवाई में यमन में रविवार को एक डिटेंशन सेंटर पर हुए सैन्य हमले में 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं.

सैन्य गठबंधन ने कहा कि हुथी विद्रोहियों की ओर से चलाए जा रहे अभियान पर निशाना साधा गया था. हुथी विद्रोहियों को लेकर माना जा रहा है कि वे ड्रोन और मिसाइल एकत्र कर रहे थे, जबकि विद्रोहियों का कहना है कि यह हमला (एयरस्ट्राइक) जिस इमारत पर की गई उसमें कैदी रखे गए थे.

इंटरनेशनल कमिटी ऑफ द रेड क्रॉस ने हमले के बाद धामर शहर में मेडिकल टीम और सैकड़ों की संख्या में बॉडी बैग भी भेजे गए हैं. धामर से इंटरनेशनल कमिटी ऑफ द रेड क्रॉस की ओर से भेजी गई टीम के अगुवा फ्रेंज ने बताया कि जिस जगह पर हमला किया गया वहां पर टीम ने दौरा किया है. यह एक कॉलेज की इमारत है जो खाली पड़ी हुई थी और फिलहाल इसका इस्तेमाल हिरासत में लिए गए लोगों को रखने के लिए किया जा रहा था.

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फ्रेंज ने कहा कि एक जेल पर हमला किया जाना बेहद चिंताजनक और दुखद है. अंतरराष्ट्रीय कानून के जरिए इन कैदियों को रखा गया था. उन्होंने आगे कहा कि अभी 100 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की संभावना है और अभी तक बचाए गए 40 लोगों को शहर की राजधानी सना के एक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है.

पिछले हफ्ते 13 मारे गए

इससे पहले यमन के अदन और अबयन में पिछले हफ्ते हुए झड़पों में 13 लोग मारे गए और 70 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने गुरुवार को बताया था कि झड़प के बाद अदन में सड़कों पर सन्नाटा पसरा गया और हवाई अड्डे से उड़ानों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया.

यमन में संयुक्त राष्ट्र की मानवीय समन्वयक लिस ग्रांडे ने गुरुवार को उन सभी लोगों से मुलाकात की जो अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत अपने दायित्वों का सम्मान करने के लिए लड़ रहे हैं. उन्होंने यमन में मानवीय सहयोग के समर्थन के लिए अपनी अपील भी दोहराई. दुजारिक ने कहा कि इस साल की मानवीय प्रतिक्रिया योजना के लिए 4.2 अरब अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता है, लेकिन केवल 34 प्रतिशत फंड ही है.

यमन दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकट के दौर से गुजर रहा है. वहां पर हर पांच में से चार लोगों को किसी न किसी प्रकार की मानवीय सहायता या संरक्षण की आवश्यकता होती है. लंबे समय से गृहयुद्ध की मार झेल रहा यमन अरब देशों में सबसे गरीब देश है और वहां की जनता लगातार संघर्ष कर रही है.

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