दिल्ली हिंसा पर इस्लामिक देशों का बड़ा बयान, भारत के लिए उगले जहर

मुस्लिम देशों के सबसे बड़े वैश्विक मंच इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने गुरुवार को दिल्ली में हुई हिंसा पर सख्त प्रतिक्रिया दी है. इस्लामिक सहयोग संगठन ने अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए हिंसा की निंदा की है.

ओआईसी ने ट्वीट किया, भारत में मुस्लिमों के खिलाफ हालिया हिंसा में तमाम मौतें हुईं और मासूम लोग जख्मी हुए जो खतरे की घंटी है. नई दिल्ली में हुई हिंसा में मुस्लिमों की संपत्ति और मस्जिदों को नुकसान पहुंचाए जाने की हम कड़ी निंदा करते हैं. संगठन ने कहा कि इन घृणित कृत्यों के पीड़ित के परिवारों के साथ हमारी संवेदनाएं हैं.

ओआईसी ने #IndianMuslimsInDanger हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए भारतीय प्रशासन से मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा भड़काने और साजिश रचने वाले लोगों को सजा दिलाकर न्याय सुनिश्चित करने की मांग की. ओआईसी ने ये भी कहा कि भारतीय प्रशासन अपने मुस्लिम नागरिकों और देश भर में इस्लाम के पवित्र स्थलों की सुरक्षा करे.

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ओआईसी के आरोपों पर विदेश मंत्रालय ने भी जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, संगठन का बयान तथ्यात्मक रूप से गलत, चुनिंदा और गुमराह करने वाला है. जमीनी तौर पर हालात सामान्य करने और विश्वास का माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है. हम ऐसे संगठनों से अपील करते हैं कि इस तरह के गैर जिम्मेदाराना बयान जारी ना करें.

रवीश कुमार ने कहा कि इस्लामिक सहयोग संगठन ने अतीत में भी असवंदेनशील बयान दिए हैं और भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने की कोशिश की है.

बता दें कि सऊदी के प्रभुत्व वाले इस्लामिक सहयोग संगठन में पाकिस्तान समेत 57 मुस्लिम बहुसंख्यक देश शामिल हैं. संगठन कश्मीर समेत तमाम मुद्दों पर पाकिस्तान को अपना समर्थन देता रहा है.

नागरिकता कानून को लेकर भी ओआईसी ने प्रतिक्रिया दी थी. ओआईसी ने कहा था कि नागरिकता संशोधन कानून और अयोध्या मामले में फैसले को लेकर वह चिंतित हैं.

इससे पहले, अमेरिकी आयोग और सांसदों ने भी दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर चिंता जता चुके हैं. अमेरिकी आयोग ने कहा था कि दिल्ली में अल्पसंख्यकों पर खतरनाक भीड़ के हमले की रिपोर्टों से कमीशन चिंतित है और वह मोदी सरकार से अपील करती है कि भीड़ पर काबू करें और निशाना बनाए गए धार्मिक अल्पसंख्यक और अन्य की सुरक्षा सुनिश्चित हो.

वहीं, अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बर्नी सैंडर्स ने दिल्ली हिंसा को लेकर बुधवार को ट्वीट किया और कहा कि ट्रंप का इस मुद्दे पर चुप्पी साधना मानवाधिकार मामलों में अमेरिकी नेतृत्व की असफलता को दिखाता है.

 

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