दिल्ली के आसमान में धुंध… AQI 400 के करीब; जानें NCR में कितनी ‘जहरीली’ हुई हवा

राजधानी दिल्ली की हवा लगातार जहरीली बनी हुई है। सोमवार की सुबह शहर के कई इलाकों में घना स्मॉग छाया रहा। जिससे वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है। एम्स के आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 378 दर्ज किया गया।

दिल्ली में एक्यूआई का स्तर
ड्रोन से ली गई सुबह की तस्वीरों में बारापुल्ला ब्रिज और जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम के आसपास के क्षेत्र घने स्मॉग की चादर में लिपटे हुए दिखाई दिए। यहां एक्यूआई 310 के स्तर पर था, जिसे ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में रखा गया है। इसी तरह इंडिया गेट और कर्तव्य पथ पर भी एक्यूआई 326 दर्ज किया गया, जो शहर की बिगड़ती हवा की ओर इशारा करता है।

विभिन्न इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक की स्थिति-
एम्स के आसपास- 378 एक्यूआई
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम के आसपास – 310 एक्यूआई
इंडिया गेट और कर्तव्य पथ- 326 एक्यूआई
आनंद विहार- 379 एक्यूआई
तिलक मार्ग- 376 एक्यूआई

इस बीच, आम आदमी पार्टी ने दिल्ली सरकार पर वायु गुणवत्ता डेटा में हेरफेर करने का आरोप लगाया है। दिल्ली में आप के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सरकार प्रदूषण को कम दिखाने के लिए एक्यूआई निगरानी स्टेशनों को बंद कर रही है। जिन जगहों पर एक्यूआई अधिक है, वहां छिड़काव किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि सरकार का इरादा प्रदूषण कम करना नहीं, बल्कि इसके आंकड़ों को कम दिखाना है। भारद्वाज ने कहा कि लोगों का गुस्सा सरकार के धोखे और डेटा के साथ छेड़छाड़ के कारण है।

वायु प्रदूषण पर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को घेरा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को दिल्ली के इंडिया गेट पर बढ़ते वायु प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे नागरिकों को निशाना बनाने के लिए केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि “स्वच्छ हवा का अधिकार” एक मौलिक मानवाधिकार है और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए।

एक्स पर एक पोस्ट में राहुल गांधी ने भाजपा पर ‘वोट चोरी’ और बिगड़ते प्रदूषण संकट के प्रति उदासीनता का आरोप लगाया। उन्होंने लाखों भारतीयों के स्वास्थ्य और भविष्य की रक्षा के लिए तत्काल और निर्णायक कार्रवाई का आग्रह किया। राहुव ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ रहा है, और जो लोग इस गंभीर समस्या के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, उन्हें सरकार द्वारा दबाया जा रहा है। यह सरासर अन्याय है। स्वच्छ हवा हर नागरिक का अधिकार है, और इस अधिकार के लिए शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने वालों को अपराधी समझना गलत है।

कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार पर जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार जनता के मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए ‘वोट चोरी’ जैसे हथकंडे अपना रही है, जबकि असली मुद्दा हमारे बच्चों का भविष्य और हमारे शहरों की हवा है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई को गंभीरता से ले और ठोस कदम उठाए।

पीएम10 और पीएम2.5 का स्तर रहा इतना
दूसरी ओर, शाम चार बजे हवा में पीएम10 की मात्रा 316.4 और पीएम2.5 की मात्रा 189.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई। सीपीसीबी के अनुसार, राजधानी के कई मॉनिटरिंग स्टेशनों पर हवा गंभीर और बेहद खराब में रिकॉर्ड की गई, जबकि कुछ इलाकों में एक्यूआई मध्यम रहा। दीपावली के बाद से दिल्ली में कई इलाकों में एक्यूआई खराब और बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है, जबकि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान-2 (ग्रेप-2) के प्रतिबंध अब भी लागू हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, दिल्ली में निर्माण से होने वाले प्रदूषण की 2.66 और पेरिफेरल उद्योग की 3.49 फीसदी की भागीदारी रही।

दिल्ली में लग सकता है ग्रेप 3
दिल्ली में लगातार खराब होती जा रही वाय गुणवत्ता को लेकर केंद्रीय गुणवत्ता प्रबंधन (सीएक्यूएम) आयोग ग्रेप का तीसरा चरण लगा सकती है। अगर एक्यूआई 400 के पार जाएगा, तो संभव है कि ग्रेप 3 लग सकता है। दिल्ली में ग्रेप 3 तब लगाता है, एक्यूआई गंभीर श्रेणी में पहुंच जाता है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर इसे पहले भी 350 के करीब भी लागू किया गया है। इसके बाद गैर-जरूरी निर्माण और तोड़फोड़ जैसे कार्यों पर रोक लग जाती है और स्कूलों में हाइब्रिड मोड लागू करने जैसे कदम उठाए जाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, मौसम की परिस्थितियों और वाहनों से निकलने वाले धुएं की वजह से वायु में प्रदूषण का स्तर सामान्य से थोड़ा अधिक हो सकता है।

लगातार 26वें दिन खराब हवा रही
सीपीसीबी के अनुसार, दिल्लीवासियों ने रविवार को लगातार 26वें दिन खराब हवा में सांस ली। इस सीजन में 14 अक्तूबर को दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई थी। इसके बाद से लगातार ही प्रदूषण का स्तर खराब या बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है। दिल्ली में इस बार पहले तो नियमित अंतराल पर पश्चिमी विक्षोभ आते रहे। इसके चलते मई और जून में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई। इसके बाद अच्छे मानसून के चलते जुलाई, अगस्त और सितंबर में भी बारिश का आंकड़ा सामान्य से ज्यादा रहा। अच्छी बारिश के चलते जहां तापमान में गिरावट हुई वहीं, हवा भी काफी हद तक पहले से ज्यादा साफ-सुथरी रही।

हर रोज इतने अंकों का आ रहा उतार चढ़ाव
एयर क्वॉलिटी इंडेक्स वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में रोज करीब 85 अंकों से अधिक का उतार-चढ़ाव आ रहा है। एक्सपर्ट के अनुसार, इस तरह का उतार-चढ़ाव स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। इससे लोगों में लापरवाहियों के मामले में बढ़ते हैं। वह प्रदूषण को लेकर गंभीर नहीं रहते। विशेषज्ञ के अनुसार, प्रदूषण के स्तर में इतना अधिक अंतर रोज आना और भी जोखिम बढ़ा रहा है। इस उतार-चढ़ाव से लोग लापरवाह रहते हैं। वहीं, कई इलाकों में दीपावली के बाद से ही एयर क्वॉलिटी मॉनिटरिंग स्टेशन की स्क्रीन बंद पड़ी हैं, जिससे लोगों को इलाके का प्रदूषण स्तर पर नहीं पता चल पा रहा है।

इन इलाकों में इतना रहा एक्यूआई
बवाना- 416
पंजाबी बाग – 416
जहांगीरपुरी – 413
रोहिणी – 412
मंदिर मार्ग – 410
मुंडका- 410
वजीरपुर – 410
नेहरु नगर – 408
आईटीओ – 404
पटपड़गंज – 401
आरके पुरम – 400
बुराड़ी क्रॉसिंग – 399
मथुरा रोड- 397
चांदनी चौक – 397
(नोट: सीपीसीबी के अनुसार)

एनसीआर में एक्यूआई का स्तर
दिल्ली के बाद अब नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 पार पहुंच गया है। रविवार सुबह नोएडा सेक्टर-62 का एक्यूआई 405 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी को दर्शाता है। वहीं, एक दिन पहले आठ नवंबर को नोएडा का एक्यूआई 354 और ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 336 रहा था। विवार को वसुंधरा का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 403 दर्ज किया गया। यह गंभीर श्रेणी में आता है। लगातार तीसरे दिन यहां की हवा जहरीली रही। 345 एक्यूआई के साथ गाजियाबाद देश का पांचवां सबसे प्रदूषित शहर रहा।

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