तमन्ना संग ब्रेकअप के बाद इश्क में ‘गुस्ताखी’ पर विजय वर्मा का बयान

इंटेंस रोल से परे विजय वर्मा अब जल्द ही मनीष मल्होत्रा के प्रोडक्शन में बनी फिल्म ‘गुस्ताख इश्क’ में रोमांस फरमाते हुए दिखाई देंगे। मूवी में उनके अपोजिट फातिमा सना शेख हैं। हाल में विजय वर्मा ने तमन्ना भाटिया से ब्रेकअप के बाद इश्क में गुस्ताखी को लेकर बात की।
फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा ने करीब 10 साल पहले फिल्म निर्माण में उतरने की बात कही थी। अब वह ‘गुस्ताख इश्क’ से इसे अंजाम दे रहे हैं। फिल्म में विजय वर्मा पहली बार रोमांटिक भूमिका में दिखेंगे। दोनों ने फिल्म से जुड़े कई मुद्दों पर के साथ बात की…
प्रश्न: मनीष फिल्ममेकिंग में आने में काफी समय लग गया?
उत्तर: मेरा बहुत व्यस्त करियर रहा है। दिल में था कि एक फिल्म बनानी है। हर चीज का सही समय होता है। इस बीच एक बार निर्देशन के लिए स्क्रिप्ट लिखी, फिर मैंने अपना दिल्ली का स्टोर लांच कर दिया। कोविड के समय करियर में पहली बार काम करना बंद किया। पर्सनल लाइफ, कपड़ों के अलावा फिल्म ही बनाने का विचार था। मुझे इंडिपेंडेंट प्रोड्यूसर बनना था, जैसा वेस्ट में होता है। बतौर डिजाइनर मैंने 500 से ज्यादा फिल्में की हैं। तो मुझे ग्लैमर के तौर पर जाना जाता है। मुझे थोड़ी अलग फिल्में बनानी है। विषय चुनने में समय लगा। मेरे करियर में तीन चीजों ने हमेशा काम किया पहला, अंतरात्मा की आवाज, दूसरी, मेरी ईमानदारी, तीसरा, स्पष्टवादिता। करण (करण जौहर) मुझे अक्सर कहते हैं कि आप छोटी-छोटी चीजों का लुत्फ लेते हैं। ‘गुस्ताख इश्क’ में भी आपको अलग जायका और मजा मिलेगा।
प्रश्न: विजय, आप इंटेंस रोल कर रहे थे। किसी ने आपको रोमांटिक हीरो के तौर पर नहीं देखा था…
उत्तर: मुझे उस किस्म के रोल पसंद आ रहे थे, लेकिन एक टाइम के बाद मैं थक गया था। मुझे इस बात का डर था कि मैं खुद को रिपीट न कर दूं। मैं चाहता था कि उससे राहत मिले। (मुस्कुराते हुए) सौभाग्य से मेरे पास यह ‘गुस्ताख इश्क’ की स्क्रिप्ट लेकर आए। मुझे यह चाशनी में लिपटी लगी।
प्रश्न: आपने पुणे स्थित एफटीआइआइ में नसीरुद्दीन शाह की क्लास भी की थी। अब फिल्म में हैं, क्या अनुभव रहे?
उत्तर: मैं उनका मुरीद रहा हूं। 20 साल में मैंने उनका कोई नाटक मिस नहीं किया है। उनकी क्लास में कल्पनाओं पर बहुत काम किया जाता है। उस क्लास में बोले गए शब्दों की कोई अहमियत नहीं होती है। सारी एक्सरसाइज साइलेंट होती हैं। जैसे आपको चोट लगी है या जल गए हैं, तो आप बोल नहीं सकते। आप लंगड़ाकर आएंगे या कुछ और करते हुए। अंदर बैठे हुए लोगों को अनुमान लगाना होगा कि उसे क्या हुआ है? क्या तकलीफ है? उस तरह की एक्सरसाइज मैंने बहुत की है। बाकी फिल्म में एक सीन है, जिसमें वो मुझे गले लगाते हैं। वो स्क्रिप्ट में नहीं था, लेकिन सीन करते हुए उनमें इतना प्यार उमड़ा कि गले लगा लिया।
प्रश्न: फिल्म का नाम पहले उलजुलूल इश्क था फिर ‘गुस्ताख इश्क’ करने की क्या वजह रही?
मनीष: (हंसते हुए) उसका कारण मैं था। उलजुलूल बहुत खूबसूरत शब्द है। मुझे लगता है कि गाने में यह शब्द बहता है, हालांकि लोग इस शीर्षक को थोड़ा कठिन पा रहे थे। एक टाइम ऐसा भी आया था कि फिल्म की काफी चीजें रुक रही थीं, मुझे लग रहा था कि उलझा हुआ सा लग रहा था। विडंबना देखिए कि तीन महीने पहले ही फिल्म का नाम बदला, तब से लेकर अब तक फिल्म प्रदर्शित होने वाली है।
विजय: इन्होंने हमें सीधे पोस्टर भेजा था। फिर उसे पोस्ट भी कर दिया था। तब तक उलजुलूल गाना बन भी चुका था। दरअसल, गुलजार साहब और विशाल भारद्वाज को उलजुलूल शब्द बहुत अच्छा लगा था। उन्होंने एक दिन में गाना लिखा और विशाल ने संगीतबद्ध कर दिया।
प्रश्न: विजय, आपके लिए गंभीर दृश्यों से निकलने की क्या प्रक्रिया रहती है?
उत्तर: सीन अगर ठीक से हो जाता है तो आप आसानी से अलग हो जाते हैं, लेकिन अगर सीन ठीक से नहीं होता, तो खुद में ही एक अधूरापन रह जाता है। मेरी कोशिश होती है कि निर्देशक को अच्छा टेक दे दो।
प्रश्न: मनीष, आपके बेस्टफ्रेंड करण जौहर की फिल्म को लेकर क्या प्रतिक्रिया रही?
उत्तर: विजय (हंसते हुए): करण को करंट लगा।
मनीष: उन्हें म्यूजिक बहुत पसंद आया। जब गाने रिकार्ड होने शुरू हुए थे, मैंने उन्हें भेजा था। उन्हें बहुत पसंद आया। उन्होंने थोड़ी बहुत फिल्म भी देखी थी। वो मुझे हमेशा कहते हैं कि आप काम करते रहो।
प्रश्न: इश्क में कौन सी गुस्ताखी माफ नहीं कर कर सकेंगे?
उत्तर: विजय: अगर इश्क सच्चा है तो सारी गुस्ताखियां माफ होनी चाहिए।
प्रश्न: बीते दिनों धर्मेंद्र जी का वीडियो वायरल हुआ था। पैपराजी कल्चर पर क्या कहेंगे….
उत्तर: मनीष: पैपराजी अपना काम कर रहे हैं, लेकिन हर काम की सीमा होती है। अगर वो मेरे घर के अंदर घुस आए तो वो सही नहीं है। सीमा होनी चाहिए।





