पटना.सुशील कुमार मोदी ने तीसरी बार बिहार के डिप्टी सीएम के तौर पर गुरुवार को शपथ ली। इस मौके पर दैनिक भास्कर ने सुशील मोदी से बात की जिसमें उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए। सुशील मोदी ने BJP के फ्यूचर की रणनीति के बारे में भी बात की। साथ ही उन्होंने बताया कि नई सरकार विकास के एजेंडे पर कैसे काम करेगी? इन सवालों के मोदी ने दिए जवाब…
– बिहार में राजनीतिक हालात एकदम से बदल गये। यह सब अचानक कैसे?
– अचानक नहीं था। दरअसल राजद के साथ जदयू का गठबंधन स्वाभाविक नहीं था। यह पूरी तरह अस्वाभाविक था। महागठबंधन की सरकार बनने के बाद राज्य की जनता को कभी ऐसा लगा ही नहीं कि यह ढंग से काम कर रही है। जनता इसके पक्ष में नहीं थी। यह लंबा नहीं चल सकता था। इसीलिए अप्राकृतिक गठबंधन की प्राकृतिक मौत हो गयी। जदयू विधायक भी अंदर से महागठबंधन सरकार के पक्ष में नहीं थे। जदयू-भाजपा विधायक भी बिहार में एनडीए सरकार के पक्ष में थे।
– पर, नीतीश कुमार ने तो भाजपा का साथ छोड़कर लालू प्रसाद से दोस्ती की थी?
– राजनीतिक परिस्थितिवश कई चीजें होती हैं। पर, लालू प्रसाद के साथ काम करना बेहद कठिन है। वह भी तब जब कोई भाजपा के साथ काम कर ले। नीतीश कुमार ने बिहार में भाजपा के साथ पहले काम किया है। उस समय बिहार का विकास काफी तेजी से हुआ। भाजपा के साथ उनकी ट्यूनिंग काफी बेहतर रही। पर, लालू प्रसाद का अंदाज अलग है। उनके साथ विकास कार्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती। नीतीश कुमार इन चीजों को समझ चुके थे। ऐसे में वे लालू प्रसाद के साथ नहीं रह सकते थे।
– राजनीतिक हालात के लिए आप भी जिम्मेवार हैं, आप तो लालू प्रसाद पर बेहद आक्रामक रहे?
– लालू प्रसाद ने संपत्ति की अपनी भूख के लिए अपने बच्चों का भविष्य दांव पर लगा दिया। आप खुद देखिए, जब-जब वे सत्ता में रहे चाहे बिहार में या फिर केन्द्र में, उन्होंने अकूत संपत्ति बनायी। पहले खुद बनाया और फिर इसमें अपने परिवार को शामिल कर लिया। उनकी बेनामी संपत्ति का कोई मामला छुपा नहीं है। सबकुछ सामने हैं। क्या कोई इसका पक्ष ले सकता है? क्या इन गड़बड़ियों का कोई साथ दे सकता है? लालू प्रसाद ने खुद ये हालात बनाए हैं। वे खुद के ही सबसे बड़े दुश्मन हैं।
– कहा जा रहा है कि सत्ताधारी दल ने भी लालू के खिलाफ आपको दस्तावेज उपलब्ध कराए?
– कोई एक आदमी सबकुछ नहीं कर सकता। उसके कई स्रोत होते हैं। कई स्रोतों से मुझे जानकारी मिली। इसमें कई लोग शामिल हैं। किसी एक के बारे में क्या कहा जा सकता है। ऐसे भी ये मामले पहले उठ चुके थे। लालू प्रसाद तो भ्रष्टाचार के प्रतीक बन चुके हैं।
– कुछ साझा कार्यक्रम?
– अभी तय नहीं किया है। हम पहले भी साथ काम कर चुके हैं। यह बड़ी समस्या नहीं। विकास के मुद्दे पर कोई मतभेद नहीं। ऐसे में हम मिलकर भविष्य के लिए विकास के कार्यक्रम तय करेंगे। पर, इतना तय है कि आने वाले समय में बिहार देश के शीर्ष राज्यों की पंक्ति में शामिल होगा।
– आप विकास को लेकर नीतीश पर बेहद आक्रामक रहे हैं, अब कैसे काम करेंगे?
– हमने विपक्ष की भूमिका निभायी। जनता ने जो जिम्मेदारी दी, उसे पूरी ईमानदारी से पूरा किया। नीतीश कुमार महागठबंधन में सहज नहीं थे। लालू प्रसाद के साथ काम करने में उन्हें परेशानी थी। यह बड़ी बात थी कि लालू प्रसाद के साथ रहते हुए भी उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ हथियार नहीं डाले। लालू प्रसाद उन्हें झुका नहीं सके।
– आगे भाजपा की क्या रणनीति होगी, नयी सरकार विकास के एजेंडे पर कैसे काम करेगी?
– 1990 के बाद बिहार में पहली बार ऐसा हो रहा है जब केन्द्र और राज्य में एक सरकार होगी। 27 वर्षों के बाद बिहार को यह अवसर मिल रहा है। केन्द्र में नरेन्द्र मोदी ने देश को विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ाया है। पूरी दुनिया में देश की प्रतिष्ठा बढ़ी है। नीतीश कुमार बिहार में विकास के प्रतीक हैं। ये मिलकर काम करेंगे तो बिहार की तस्वीर ही कुछ और होगी। हमें उम्मीद है कि हमारा साथ बिहार को विकास की नयी ऊंचाइयों पर ले जाएगा।