डिनर के बाद होती है एसिडिटी और बदहजमी की शिकायत, तो पान का शरबत दिलाएगा तुरंत आराम

रात का खाना खाने के बाद अक्सर लोगों को पेट में भारीपन, गैस, जलन या खट्टी डकारों की परेशानी होती है। इसे आम तौर पर एसिडिटी या बदहजमी कहा जाता है और ये हमारी खराब खानपान आदतों और अनहेल्दी लाइफस्टाइल का नतीजा है। हालांकि, बाजार में इससे राहत देने वाली कई दवाएं मौजूद हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पान का शरबत भी इसमें कमाल का फायदा पहुंचा सकता है (Post Dinner Acidity Relief)?
जी हां, जिस पान को आमतौर पर स्वाद या आदत से जोड़ा जाता है, वही पान अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो पेट की तमाम परेशानियों का घरेलू इलाज बन सकता है। आइए, यहां आपको बताते हैं इसका स्वादिष्ट शरबत बनाने की आसान विधि।
औषधीय गुणों से भरपूर है पान का शरबत
एंटी-इंफ्लेमेटरी और डाइजेस्टिव एजेंट: पाचन को सुधारते हैं और आंतों को ठंडक पहुंचाते हैं।
एंटी-एसिडिक गुण: एसिड को न्यूट्रल करने में मदद करते हैं।
एंटी-बैक्टीरियल: पेट की सफाई करते हैं और हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ते हैं।
थकान दूर करें: खाने के बाद सुस्ती और भारीपन कम करते हैं।
पान का शरबत बनाने के लिए सामग्री
4–5 ताजे पान के पत्ते
1 बड़ा चम्मच सौंफ
1 छोटा चम्मच मिश्री या शहद
1 चुटकी काला नमक
1 कप ठंडा पानी
2–3 बर्फ के टुकड़े (इच्छानुसार)
पान का शरबत बनाने की विधि
सबसे पहले पान के पत्तों को अच्छी तरह धो लें।
अब मिक्सर में पत्ते, सौंफ, मिश्री/शहद, काला नमक और ठंडा पानी डालें।
सभी चीजों को अच्छे से पीस लें जब तक गाढ़ा हरा शरबत तैयार न हो जाए।
अब एक छलनी से छानकर ग्लास में निकालें।
ऊपर से बर्फ डालें और तुरंत सर्व करें।
कब और कैसे पीना चाहिए?
रात के खाने के 15–20 मिनट बाद पान का यह शरबत पीना सबसे अच्छा माना जाता है।
हफ्ते में 3–4 बार इसका सेवन करना पाचन को मजबूत बनाएगा।
गर्मियों में यह शरीर को ठंडक भी देता है।
पान का शरबत पीने के फायदे
मुंह की बदबू से राहत
कब्ज से छुटकारा
डाइजेशन में सुधार
मूड रिफ्रेशिंग ड्रिंक का काम
किन बातों का रखें ध्यान?
पान के पत्तों में चूना या कत्था न मिलाएं, केवल ताजे और साधारण पत्ते ही यूज करें।
शुगर पेशेंट्स मिश्री की जगह शहद या बिना मीठा शरबत लें।
इसे ज्यादा पीने से बचें, क्योंकि पान में हल्की उत्तेजक प्रकृति होती है।