टीबी दिवस पर विशेष : उत्तर प्रदेश के 14 हजार बच्चे हैं क्षय रोगी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को क्षय रोग (टीबी) से मुक्त करने की भले ही सरकार ने कमर कसी है, लेकिन इससे निजात मिलनी दूर की कौड़ी प्रतीत हो रही है। इस बात की गवाही क्षयरोग विभाग के आंकड़े दे रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक यूपी में 13,941 बच्चे टीबी की चपेट में हैं।
यूपी के मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर जैसे जिलों में टीबी के मरीजों की संख्या बहुत अधिक
यूपी में 4 लाख 20 हजार टीबी के मरीज हैं। हालात यह है कि इनमें 15 हजार गंभीर रूप से बीमार हैं। इन्हें मल्टी ड्रग रेजिडेंट (एमडीआर) ने अपनी चपेट में ले रखा है। इतना ही नहीं देश के टीबी मरीजों के 20 प्रतिशत उत्तर प्रदेश में हैं। स्टेट टीबी अफसर डॉ. संतोष गुप्ता ने भी इसकी पुष्टि की है। क्षयरोग विभाग के रिकार्ड बता रहे हैं कि पश्चिमी यूपी के जिले मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर जैसे जिलों में टीबी के मरीजों की संख्या बहुत अधिक है। सरकारी महकमा व्यक्तिगत इलाज से इसे कम करने का दावा कर रहा है।
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एमडीआर प्रभावित मरीजों को बचाना है चुनौती
मल्टी ड्रग रेजिडेंट (एमडीआर) के मरीजों को बचाने की चुनौती सबसे ज्यादा है। स्टेट टीबी अफसर डॉ. संतोष गुप्ता ने कहा कि यह मानने में कतई संकोच नहीं है कि एमडीआर मरीज विभाग के लिए चुनौती हैं।
बेडाकुलीन बाजार में उपलब्ध नहीं, यह दवा सिर्फ कुछ सरकारी अस्पतालों में
डॉ. संतोष गुप्ता ने कहा कि टीबी जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज दवा खाने में लापरवाही करते हैं और वे एमडीआर से ग्रसित हो जाते हैं। इन्हें बचाने के लिए दी जाने वाली दवा बेडाकुलीन बाजार में उपलब्ध नहीं है। यह दवा सिर्फ कुछ सरकारी अस्पतालों में ही मिलने की वजह से भी दिक्कतें आ रहीं हैं। मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है।
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उत्तर प्रदेश में लगभग 2,60,572 टीबी रोगी सरकारी अस्पतालों में करवा रहे हैं इलाज
किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर वेद प्रकाश ने बताया कि 22 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में लगभग 2,60,572 टीबी रोगी सरकारी अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं। 37,174 मरीज गैर सरकारी संस्थानों में चिकित्सीय सलाह ले रहे हैं। बाल क्षय रोगियों की संख्या भी काफी है। 13,941 बच्चे इसकी चपेट में हैं।
भारत में हर साल एक लाख मरीजों में से 211 की हो जाती है मौत
प्रदेश में 2,16,041 नए मरीज इस वर्ष पंजीकृत हुए हैं। 44 हजार 531 मरीज पिछले वर्ष से इलाज करवा रहे हैं। भारत में हर साल एक लाख मरीजों में से 211 की मौत हो जाती है। सात मरीजों में एचआईवी पाया जाता है और 11 को एमडीआर हो जाता है। टीबी के खात्मे को सरकार एक योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ रही है। बावजूद इसके अनुकूल सफलता नहीं मिल रही है। हालत यह है कि वर्ष 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य दूर की कौड़ी लगता है। सरकार के तमाम प्रयासों के बाद अभी भी यह औसतन दो प्रतिशत की दर से यह घट रहा है, जबकि लक्ष्य पाने के लिए पांच से 10 प्रतिशत की दर जरूरी है।
महिलाओं में 20 प्रतिशत बढ़ा जननांगों का क्षय रोग
डॉ. वेद प्रकश की मानें तो 90 प्रतिशत जननांगों का क्षय रोग 15 से 40 साल की महिलाओं में पाया जाता है। 60 से 80 प्रतिशत बांझपन के मामलों का कारण भी यही होता है। विगत वर्षो में जननांगों का क्षय रोग 10 प्रतिशत से बढ़कर 30 प्रतिशत हो गया है। इसे पौष्टिक आहार और नियमित दिनचर्या से खत्म किया जा सकता है।
ये हैं लक्षण
दो सप्ताह से लगातार खांसी
खांसी के साथ बलगम आ रहा हो
कभी-कभी खून आना
भूख कम लगना
वजन घटना
शाम के वक्त बुखार आना
सीने में दर्द होना





