टिप्पे के खेल में भारतीय गेंदबाज फेल, पहले दिन सिर्फ 4 विकेट गिरा सका भारत

जब आप दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित मैदानों में से एक लॉर्ड्स में गेंदबाजी करते हैं तो यहां सबसे महत्वपूर्ण होता है टिप्पा, यानी आप गेंद को कहां पटकते हैं। क्योंकि यह मैदान समतल नहीं है। इसमें ढलान है जो पवेलियन छोर की तरफ से ऊंची है और नर्सरी छोर की तरफ नीची। इसका असर पिच पर भी पड़ता है और उसमें दोनों छोर से गेंदबाजों को मदद मिलती है लेकिन उसके लिए आपको गेंद को सही जगह टिप्पा खिलाना पड़ता है, वर्ना वही मदद मुश्किल में बदल जाती है।
पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के तीसरे मुकाबले के पहले दिन भारतीय गेंदबाज खासतौर पर जसप्रीत बुमराह, आकाश दीप और मोहम्मद सिराज इसमें फेल हुए जिसके कारण इंग्लैंड ने सिर्फ विकेट के नुकसान पर 251 रन बना लिए। पिछले मैच में सिर्फ छह ओवर करने वाले नीतीश रेड्डी ने अगर पहले सत्र में दो विकेट नहीं लिए होते तो भारत की हालत और खराब हो सकती थी। जो रूट 99 रन बनाकर नाबाद लौटे। बेन स्टोक्स 39 रन बनाकर लड़खड़ाते हुए लौटे।
नहीं मिला फायदा
मैच के एक दिन पहले पिच पर जितनी घास थी वह मैच वाले दिन नहीं थी। यानी उसको और छीलकर पाटा बना दिया गया। यही नहीं सूर्य देवता आसमान में जैसे चमक रहे थे, जिसको देखते हुए इस सीरीज में लगातार तीसरा टास जीतने वाले इंग्लिश कप्तान बेन स्टोक्स ने इस बार पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पिच पर ढलान को देखते हुए भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने अनुभवी गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को पवेलियन छोर से लगाया।
उधर से गेंदबाज को ज्यादा मूमेंट मिलता है। यहां पहली बार खेल रहे दाहिने हाथ के तेज गेंदबाज आकाशीदप को नर्सरी छोर से गेंदबाजी कराई गई। हालांकि दोनों ही नई गेंद का फायदा नहीं उठा सके। बुमराह के चार और कुल आठ ओवर होने के बाद गिल ने उनका छोर बदला। बाद में बुमराह नर्सरी छोर से आ गए। पहले सत्र की ड्रिंक के बाद गिल ने नर्सरी छोर से रेड्डी को लगाया और उन्होंने आते ही अपने पहले ओवर में दोनों ओपनर डकेट जैक क्राउले को आउट कर दिया।
उनकी लेग स्टंप से बाहर जाती तीसरी गेंद डकेट के दस्ताने को छूकर विकेटकीपर पंत के हाथों में गई। अगली ही गेंद पर पोप भी आउट हो जाते लेकिन तब गली में खड़े कप्तान ने उनका कैच छोड़ दिया। हालांकि, इसी ओवर की आखिरी गेंद पर नीतीश ने क्राउले को पंत के हाथों आउट करा दिया। रेड्डी की यह गेंद बहुत ही शानदार थी। उन्होंने ढलान का इस्तेमाल करते हुए लेंथ बाल फेंकी जो देर से स्विंग हुई। क्राउले क्रीज पर ही रुके रहे और गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा ले गई। जहां बुमराह और आकाशदीप शुरुआती सत्र में ढलान का सही इस्तेमाल नहीं कर पाए थे वहीं पिछले मैच में सिर्फ छह ओवर फेंकने वाले रेड्डी ने बिलकुल सही टिप्पा पकड़ा। उन्होंने अगले ओवर में भी पोप और रूट को परेशान किया।
इंग्लैंड ने नहीं खेला बैजबाल
पिछले दो मैचों में बैजबॉल के दर्शन कराने वाली इंग्लिश टीम ने इस मैच में अपनी आदत के विपरीत धीमी गति से खेलना शुरू किया। नीतीश के दिन के दूसरे घंटे की शुरुआत में ही दोनों ओपनरों के आउट होने के बाद रूट और पोप ने डेढ़ सत्र तक विकेट नहीं गिरने दिया। चायकाल के तुरंत बाद पहली ही गेंद पर रवींद्र जडेजा ने पोप को विकेट के पीछे कैच करा दिया। जसप्रीत बुमराह ने इसके कुछ ही देर बाद हैरी ब्रुक की गिल्लियां बिखेरकर बताया कि अच्छी गेंद कैसी होती है लेकिन उसके बाद रूट और कप्तान बेन स्टोक्स ने अनुशासन के साथ बल्लेबाजी की।
रूट आखिरी में बड़े शाट लगाकर अपना 37वां शतक लगा सकते थे लेकिन ऐसा लगता है कि इंग्लिश टीम ने कसम खाई थी कि वह बैजबाल नहीं खेलेगी। यही कारण था कि रूट 99 रनों पर नाबाद वापस लौटे। लीड्स में पहले मैच की दूसरी पारी में 4.54 रन रेट से 373 रन बनाकर जीत हासिल करने वाली इंग्लिश टीम ने यहां पर 83 ओवर में 3.02 के रन रेट से रन बनाए। ऐसा लगता है कि उन्होंने बर्मिंघम की हार के बाद अपनी रणनीति में बदलाव किया है।
हालांकि यह पिच बल्लेबाजों के लिए स्वर्ग नहीं रही है, लेकिन इंग्लैंड ने दिखाया है कि अनुशासन और धैर्य के साथ, पिच की गतिशीलता और धीमेपन का सामना कैसे किया जा सकता है। भारत कल दूसरी नई गेंद के साथ एक सफल शुरुआती स्पैल की उम्मीद करेगा। इंग्लैंड के लिए भी चोट चिंता का विषय है क्योंकि स्टोक्स को भी हल्की चोट लग गई है। उनका लंबे समय तक इलाज चला और तब से उनकी चाल में काफ़ी सुधार हो रहा है। इंग्लैंड उम्मीद करेगा कि उनकी चोट गंभीर न हो और वह कल खेल जारी रख सकें और गेंदबाजी भी कर सकें, क्योंकि गर्मी और थकाने वाली परिस्थितियों में वह गेंदबाजी आक्रमण का अहम हिस्सा होंगे।
ऋषभ को लगी चोट
34वें ओवर की पहली गेंद बुमराह ने पोप को फेंकी जो लेग साइड के बाहर जाते हुए पंत के दस्तानों में लगी। गेंद पंत से छूटी और फाइन लेग की तरफ गई। इसी समय पंत की बाएं हाथ की अंगुली में चोट लग गई। उन्होंने स्प्रे किया और दर्द की दवा भी खाई लेकिन फायदा नहीं मिला। अगले ओवर में पंत की जगह ध्रुव जुरैल को मैदान पर भेजा गया, जबकि वह तीसरे टेस्ट के लिए अंतिम एकादश में भी शामिल नहीं थे। जुरैल ने बाकी समय विकेटकीपिंग की। भारतीय उप कप्तान को मैदान में दिए गए उपचार के बाद कोई फायदा नहीं हुआ । इसके कारण कुछ देर मैच रुका भी रहा। चाहेगा। मेडिकल टीम पंत को देख रही है। उनके स्कैन की जरूरत नहीं पड़ी है। गिल चाहेंगे कि उनके उपकप्तान ठीक होकर दूसरे दिन उतरें।
कुछ देर रोकना पड़ा मैच
81वें ओवर के दौरान उड़ने वाली चीटियों का झुंड मैदान में दिखाई दिया। बुमराह की तरफ ये चीटियां उड़कर आईं। बल्लेबाजी कर रहे स्टोक्स ने अंपायर की तरफ़ सवालिया निगाहों से देखा क्योंकि कीड़ों से खेल रुका रहा था। अंपायर भी सोच रहे थे कि क्या किया जाए? कुछ मिनट बाद फिर मैच शुरू हो सका। क्रिकेट में अजीबोगरीब रुकावटों की सूची में यह वाक्या भी जुड़ गया।