टाटा स्टील शेयर में कितनी आएगी तेजी , क्या 52-वीक हाई को करेगा पार?

ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने टाटा स्टील लिमिटेड पर ‘बाय’ रेटिंग बरकरार रखी है और सितंबर 2027 के आधार पर टारगेट प्राइस ₹210 तय किया है। वर्तमान शेयर भाव ₹170.40 पर, इसमें करीब 27% की बढ़ोतरी की संभावना जताई गई है। टाटा स्टील का 52-वीक हाई 186.94 रुपये है। मोतीलाल के सुझाए गए टारगेट के मुताबिक जल्द ही 52-वीक हाई का लेवल टूटने वाला है।

ब्रोकरेज के अनुसार, कंपनी कच्चे माल की सुरक्षा, वैल्यू प्रोडक्ट की क्षमता विस्तार और नए स्टील प्रोजेक्ट्स में कई सकारात्मक कदम उठा रही है, जिससे लंबी अवधि में मजबूत ग्रोथ दिखाई दे रही है।

थ्रिवेनी पेलेट्स में 50.01% हिस्सेदारी खरीद का एलान
10 दिसंबर 2025 को टाटा स्टील ने थ्रिवेनी अर्थमूवर्स प्राइवेट लिमिटेड (TEMPL) से थ्रिवेनी पेलेट्स (TPPL) में 50.01% हिस्सेदारी ₹636 करोड़ नकद में खरीदने की घोषणा की।

इस सौदे से टाटा स्टील को क्या-क्या फायदा होगा

  1. 4 मिलियन टन प्रतिवर्ष क्षमता वाला पेलेट प्लांट मिलेगा।
  2. 212 किलोमीटर लंबी स्लरी पाइपलाइन (ब्रह्मणी रिवर पेलेट्स – BRPL के माध्यम से) होगी।
  3. ओडिशा के जाजपुर में स्थित यह प्लांट कंपनी के पूर्वी ऑपरेशंस के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
    सौदे के बाद टाटा स्टील TPPL की नियंत्रक शेयरधारक बन जाएगी, जबकि लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड (LMEL) 49.99% हिस्सेदारी के साथ पार्टनर बनी रहेगी।

इसके जरिए टाटा स्टील क्या करना चाहती है?
कंपनी का उद्देश्य भारत में लंबी अवधि के लिए पेलेट की आपूर्ति सुरक्षित करना है। पेलेट ब्लास्ट फर्नेस-बेसिक ऑक्सीजन फर्नेस (BF-BOF) और DRI यूनिट्स के लिए प्रमुख कच्चा माल है। यह अधिग्रहण बैकवर्ड इंटीग्रेशन को मजबूत करेगा और FY30 में समाप्त हो रही कई आयरन ओर माइनिंग लीज के जोखिम को कम करेगा।

टाटा स्टील घरेलू क्षमता कैसे बढ़ाएगी?
टाटा स्टील ने भारत में कई बड़े विस्तार प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है। जिनमें नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (NINL) में फेज-1 के तहत 4.8 मिलियन टन प्रतिवर्ष की क्षमता वृद्धि, मेरामंडली में 2.5 मिलियन टन पतली स्लैब कास्टर और रोलिंग मिल का डिजाइन-इंजीनियरिंग कार्य शुरू किया गया है और टाटा स्टील ब्लूस्कोप (JV) के तारापुर प्लांट में 0.7 मिलियन टन हॉट रोल्ड पिकलिंग और गैल्वनाइजिंग लाइन (HRPGL) शामिल है, जो मुख्य रूप से ऑटोमोटिव सेक्टर के लिए है।

टाटा स्टील की लॉयड्स मेटल्स के साथ गढ़चिरौली में रणनीतिक साझेदारी
कंपनी ने LMEL के साथ MoU साइन किया है, जिसमें गढ़चिरौली में आयरन ओर माइनिंग और लॉजिस्टिक्स (स्लरी पाइपलाइन सहित), दो चरणों में 6 मिलियन टन ग्रीनफील्ड स्टील प्लांट की संभावना है और एकीकृत प्रोजेक्ट्स में सहयोग शामिल हैं।

कम कार्बन स्टीलमेकिंग में अग्रणी कदम
बोर्ड ने जमशेदपुर में 1 मिलियन टन क्षमता वाला हिसारना (Hisarna) तकनीक आधारित डेमोंस्ट्रेशन प्लांट के लिए इंजीनियरिंग और रेगुलेटरी मंजूरी की प्रक्रिया शुरू करने को मंजूरी दी। यह तकनीक कोक की जरूरत खत्म करती है और कम ग्रेड अयस्क का उपयोग करती है। टाटा स्टील के पास इस तकनीक का ग्लोबल आईपी राइट है, जो भविष्य में सस्टेनेबल स्टीलमेकिंग में बड़ा अंतर पैदा करेगा।

वैल्यूएशन और नजरिया
मोतीलाल ओसवाल के अनुसार, TPPL अधिग्रहण लंबी अवधि में मार्जिन बढ़ाने वाला और रणनीतिक रूप से मजबूत कदम है। कंपनी मल्टी-ईयर एक्सपेंशन फेज में प्रवेश कर रही है, कैपेक्स बढ़ेगा लेकिन लीवरेज कंट्रोल में रहेगा जिससे मौजूदा वैल्यूएशन 6.5x EV/EBITDA और 1.8x FY27E P/B पर आकर्षक लग रहा है।

ब्रोकरेज का मानना है कि घरेलू मांग मजबूत बनी हुई है, स्टील कीमतों में सुधार की संभावना है और यूरोपीय कारोबार में भी सुधार दिख रहा है। इसलिए लंबी अवधि का नजरिया बेहद सकारात्मक है।

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