जेएनयू हिंसा : पुलिस को मिले अहम सुराग, नकाबपोशों की हो गई पहचान

नई दिल्‍ली। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी ( जेएनयू ) में रविवार रात हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस को अहम सफलता हाथ लगी है। सूत्रों के मुताबिक, छात्रों पर हमला करने वाले नकाबपोशों की पहचान को लेकर पुलिस को अहम सुराग मिले हैं। जल्द ही पुलिस इस मामले को लेकर खुलासा भी कर सकती है।

जेएनयू

यूनिवर्सिटी में रविवार शाम हुई हिंसा के बाद अब तक पूरे प्रकरण में तीन एफआईआर दर्ज कर ली गई हैं, लेकिन न तो कैंपस में लाठी-डंडे चलाने वालों को पुलिस पकड़ पाई है और न ही उससे पहले सर्वर रूम में तोड़फोड़ करने वालों को गिरफ्तार किया गया है। ऐसे में दिल्ली पुलिस को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।

जॉइंट कमिश्नर शालिनी सिंह की अगुआई में एक टीम का गठन किया गया है, जो इस मामले की जांच कर रही है। जेएनयू में बढ़ाई गई हॉस्टल फीस के फैसले को वापस करने के लिए काफी समय से आंदोलन चल रहा है। जेएनयू छात्रसंघ और लेफ्ट विंग से जुड़े संगठन हॉस्टल फीस के खिलाफ जोरदार तरीके से विरोध कर रहे थे। इसी बीच जेएनयू प्रशासन ने 1 जनवरी से 5 जनवरी के बीच नए सत्र के लिए रजिस्ट्रेशन की तारीख तय कर दी।

रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की गई तो विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने सर्वर रूम को घेर लिया। जेएनयू प्रशासन ने आरोप लगाए कि सर्वर रूम में तोड़फोड़ की गई और वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों के साथ मारपीट भी की गई। ये घटना 3 और 4 जनवरी की है। इस संबंध में प्रशासन की शिकायत पर वसंत कुंज थाने में दो FIR दर्ज की गईं, जिसमें छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष का भी नाम है।

हिंसा मामले में पुलिस को 11 शिकायतें मिली हैं। दिल्ली पुलिस के डीसीपी साउथ वेस्ट देवेंद्र आर्या ने बताया कि हमें कुल 11 शिकायतें मिली हैं, जिसमें 7 वामपंथी, 3 दक्षिणपंथी और एक प्रोफेसर की शिकायत शामिल है। सभी शिकायतों को क्राइम ब्रांच के पास भेज दिया गया है।

JNUSU अध्यक्ष आइशी घोष ने बताया कि मैं उस घटना की शिकायत दर्ज करा रही हूं, जिसमें भीड़ ने हमला करने, डराने और मेरी हत्या करने की साजिश रची और उस घटना को अंजाम दिया, जिसके लिए मैं आपसे एफआईआर दर्ज करने और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का आग्रह करती हूं।

उन्होंने कहा कि पांच जनवरी को उन्हें विवि परिसर के छात्रों से सूचना मिली कि एबीवीपी से जुड़े कुछ छात्र कुछ अज्ञात लोगों के साथ रॉड, लाठी और हथौड़े जैसे हथियार लेकर गंगा बस स्टॉप के पास इकट्ठे हैं।

आइशी ने अपनी शिकायत में लिखा है कि मुझे और वहां मौजूद निखिल मैथ्यू (श्रम अध्ययन में एमए) को नकाबपोशों की भीड़ ने घेर लिया। 20-30 लोगों की भीड़ ने मुझे रेस्त्रां के पास एक कार के पीछे खींच लिया और मेरे आग्रह करने के बावजूद उन्होंने मुझे नहीं जाने दिया और छड़ों से मुझपर हमला कर दिया, जिससे मैं गिर गई। आइशी ने अपनी शिकायत में कहा है कि उनपर कई लोगों ने एकसाथ हमला किया। सिर पर लोहे की छड़ से कई बार प्रहार किया गया, किसी ने लात मारी और किसी ने हाथ, सिर, सीने और पीठ समेत शरीर पर रॉड से हमला किया।

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