जेएनयू छात्रा का दावा, डाक्टरों ने पहले पूछा- एबीवीपी से हो या लेफ्ट से? फिर इन छात्रों को मिला इलाज
नई दिल्ली। दिल्ली की जेएनयू में हुई हिंसा के बाद एबीवीपी और लेफ्ट कार्यकर्ताओं की तरफ से अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। एबीवीपी कार्यकर्ता कृतिका सेन ने दावा किया है कि हिंसा के बाद जब उन्हें एम्स में भर्ती किया गया तो डॉक्टरों ने उनसे पूछा कि आप कौन-सी विंग से हैं? एबीवीपी या फिर लेफ्ट?
पांच जनवरी को जेएनयू में हुई हिंसा के बाद घायल छात्रों को एम्स में भर्ती कराया गया था। एबीवीपी कार्यकर्ता और जेएनयू के स्टूडेंट ने कहा कि एम्स में डॉक्टरों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। डॉक्टरों ने हमसे पूछा कि तुम किस विंग के हो?
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उन्होंने आरोप लगाया कि जेएनयू कैंपस में एबीवीपी अल्पसंख्यक है, ऐसे में सोचिए कि कौन सेफ हा या नहीं है। उन्होंने कहा कि एमस में एबीवीपी कार्यकर्ताओं के साथ भेदभाव के साथ इलाज किया गया, वह शाम को 6 बजे भर्ती हुईं जबकि आइशी घोष रात को नौ बजे। लेकिन उनके समर्थकों का इलाज पहले किया गया।
इतना ही नहीं एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी के लोग जब अस्पताल में आए, तो उन्होंने सबसे पहले हमसे पूछा कि वो किस विंग के सपोर्टर हैं?
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एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रियंका गांधी ने पहले कुछ छात्रों को शॉल दी, लेकिन बाद में उनके लोगों ने शॉल वापस ले ली। कृतिका सेन ने कहा कि वो (प्रियंका गांधी) एक नेता हैं, ऐसे में अगर वो शाम को हमला करने वाले लोगों पर सवाल कर रही हैं, तो फिर दिन में हमला करने वालों पर सवाल क्यों नहीं कर रही हैं। दिन में हमला करने वाले लोग कौन थे?
बता दें कि दिल्ली में पांच जनवरी को जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में नकाबपोश लोगों ने हमला किया था। इस दौरान कैंपस में तोड़फोड़ की गई, इस दौरान छात्रों पर हमला किया गया। जिसमें 30 से अधिक लोग घायल हुए। इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।