जी-7 समिट के बीच जर्मन, फ्रांस समेत इन देशों के विदेश मंत्रियों से मिले एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा में जी-7 विदेश मंत्रियों की बैठक में कई देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। उन्होंने यूके, जर्मनी, फ्रांस और ब्राजील के समकक्षों के साथ द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा की। भारत-यूके विजन 2035, रणनीतिक साझेदारी और तकनीकी सहयोग जैसे मुद्दों पर बातचीत हुई

विदेश मंत्री एस जयशंकर कनाडा में आयोजित जी-7 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान फ्रांस, जर्मनी और ब्राजील के अपने समकक्षों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने ब्रिटेन की विदेश सचिव यवेट कूपर से मुलाकात कर दोनों देशों के बीच आर्थिक, तकनीकी और सुरक्षा सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के मुद्दों पर चर्चा की।

दरअसल, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “आज कनाडा में जी-7 के मौके पर यूके की विदेश सचिव यवेट कूपर से मिलकर खुशी हुई। हमारे संबंधों में सकारात्मक गति को स्वीकार किया और प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने के लिए भारत-यूके विजन 2035 की पुष्टि की।”

भारत-यूके विजन 2035 जो अर्थव्यवस्था और विकास, प्रौद्योगिकी और नवाचार, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु कार्रवाई और शिक्षा जैसे प्रमुख स्तंभों में केंद्रित और समयबद्ध कार्य कार्यक्रम के साथ अगले 10 वर्षों के लिए द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाएगा।

वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार

भारत-यूके विजन 2035 के अनुसार, दोनों देश मजबूत नींव पर निर्माण करते हुए एक बौद्धिक साझेदारी स्थापित करेंगे, जो उभरते अवसरों के प्रति संवेदनशील होगी, प्रौद्योगिकी की तीव्र प्रगति के अनुकूल होगी और शिक्षा और अनुसंधान में सहयोग को मजबूत करेगी, जिससे एक कुशल और दूरदर्शी प्रतिभा पूल का निर्माण होगा, जो वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार होगा और सभी के लिए एक सुरक्षित और टिकाऊ भविष्य में योगदान देगा।

विदेश मंत्री ने क्या कहा?

विदेश मंत्री जयशंकर और जर्मन विदेश मंत्री जोहान वाडेफुल ने रणनीतिक साझेदारी, भारत-यूरोपीय संघ संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की और पश्चिम एशिया, अफगानिस्तान और हिंद-प्रशांत पर विचारों का आदान-प्रदान किया। विदेश मंत्री ने कहा कि आज नियाग्रा में जर्मनी के विदेश मंत्री वेडफुल से मिलकर बहुत खुशी हुई। हमारी रणनीतिक साझेदारी और भारत-यूरोपीय संघ संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई। मध्य पूर्व/पश्चिम एशिया, हिंद-प्रशांत और अफगानिस्तान पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ।

दोनों नेताओं ने रणनीतिक साझेदारी का लिया जायजा

फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां-नोएल बरोट से मुलाकात के बाद, जयशंकर ने बताया कि दोनों नेताओं ने रणनीतिक साझेदारी का जायजा लिया और बहुपक्षीय एवं बहुपक्षीय स्वरूपों में सहयोग को गहरा करने पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट से मिलकर खुशी हुई। हमारी रणनीतिक साझेदारी का जायजा लिया। बहुपक्षीय एवं बहुपक्षीय स्वरूपों में हमारे सहयोग को गहरा करने पर चर्चा हुई।

तकनीकी सहयोग बढ़ाने के अवसरों की सक्रियता

जयशंकर ने बताया कि ब्राज़ील के विदेश मंत्री मौरो विएरा के साथ अपनी बैठक में, दोनों देशों ने व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य और तकनीकी सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा की। X पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “आज दोपहर ब्राजील के विदेश मंत्री मौरो विएरा से मिलकर अच्छा लगा। हमारे द्विपक्षीय सहयोग में हुई हालिया प्रगति को मान्यता दी। हम व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य और तकनीकी सहयोग बढ़ाने के अवसरों की सक्रियता से तलाश कर रहे हैं।”

वैश्विक चुनौतियों का समाधान

विदेश मंत्रालय (MEA) के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, विदेश मंत्री एस जयशंकर कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद के निमंत्रण पर आउटरीच पार्टनर्स के साथ G7 विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए 11 से 13 नवंबर तक कनाडा का दौरा कर रहे हैं। G7 विदेश मंत्रियों की बैठक में विदेश मंत्री की भागीदारी वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर ग्लोबल साउथ की आवाज को मजबूत करने में अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के साथ काम करने की भारत की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

इस सम्मेलन में जी-7 के सदस्य देशों कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ के मंत्रियों के साथ-साथ भारत, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, सऊदी अरब, मैक्सिको, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका और यूक्रेन सहित कई आउटरीच राष्ट्रों के मंत्री शामिल होंगे।

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