जीएसटी पास होते ही PM मोदी ने खोला यह बड़ा राज, व्यापारियों में मचा अपरा-तफरी

 आज यानी एक जुलाई से पूरे में देश में ” एक देश, एक कर ” प्रणाली लागू हो चुकी है. इस प्रणाली को नाम दिया गया है  GST, यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स. ऐसा माना जा रहा है कि बीती रात ठीक 12 बजे लॉंच हुई GST नाम की इस क्रान्ति से देश को आर्थिक रूप से आज़ादी मिलेगी. हालांकि, इतिहास इस बात का गवाह रहा है कि जब भी किसी देश ने अपनी आर्थिक व्यवस्था को सुधारने के लिए GST जैसा प्रयास किया है उसे ‘लोहे के चने’ चबाने जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. ऐसे में ये सोचना कि भारत को मुसीबतों का सामना नहीं करना पड़ेगा ये बिल्कुल ग़लत है.

जीएसटी लागू होते ही देश में सबसे ज़्यादा फायदा निचले तबके के लोगों का होगा. सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के रोजमर्रा की ज़िन्दगी में इस्तेमाल होने वाली चीजों को जीएसटी से बाहर रखा है यानी उन पर 0% टैक्स लगेगा. इसके अलावा जो शानदार ज़िन्दगी जीते हैं उन्हें 28% तक टैक्स देना होगा. दरअसल, जीएसटी में पांच कटेगरी बनायी गयी हैं जिनमे लगने वाले टेक्स इस तरह हैं. जैसे 0%, 5%, 12%, 18% और 28%.

यह चौथा मौक़ा था जब रात बारह बजे संसद में ‘सूरज’ निकला था. राजनीति के सितारे संसद में मौजूद थे और पूरे देश की नजरें टेलीविजन पर टिकीं थीं. क्योंकि 70 साल बाद देश आर्थिक रूप से आजाद होने वाला था और देश का हर नागरिक इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनना चाहता था. रात ठीक बारह बजे पीएम मोदी ने घंटी बजाकर कर देश को जीएसटी का तोहफा दिया साथ ही देश में अमीर ग़रीब हर किसी को बराबर कर दिया.

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इस मौके प्रधानमंत्री ने कहा “जिस प्रकार सरदार वल्लभ भाई पटेल ने विभिन्न रियासतों को मिलाकर भारत का एकीकरण संभव कराया था, उसी प्रकार जीएसटी के कारण देश का आर्थिक एकीकरण होगा”.

उन्होंने कहा “इसमें शुरुआत में थोड़ी दिक्कत आ सकती है लेकिन इसके कारण सभी वर्गों के लोगों को लाभ मिलेगा”. मोदी ने देश के व्यापारी वर्ग से अपील की कि “जीएसटी लागू होने से उन्हें जो लाभ होता है उसका फायदा वे गरीब तबके के लोगों तक पहुंचाएं”.

पीएम की भाषण से एक बात तो बिल्कुल साफ़ थी कि जीएसटी लागू होने से कुछ टाइम के लिए देश के सामने बड़ी समस्या आना तो तय है पर इसके दूरगामी परिणाम हर किसी के हित में होंगे.

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