जामिया की इस छात्रा की शादी तक पहुंचा सीएए का विरोध, जानिए फिर क्या हुआ…
नई दिल्ली। जामिया मिलिया इस्लामिया की पोस्ट ग्रेजुएशन की छात्रा अमीना जाकिया ने अपनी शादी में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध किया। वे इसके खिलाफ प्लेकॉर्ड लिए दिखीं। दुल्हन अमीना के फैसले का दूल्हे और उसके परिवार ने भी साथ दिया। शादी सोमवार को हुई। वरमाला के बाद स्टेज पर दुल्हन ने ‘नो सीएए’ तो दूल्हे ने ‘नो एनआरसी’ का प्लेकार्ड पकड़ा हुआ था।
परिवार के सदस्यों ने शायर फैज की कविता ‘बोल कि लब आजाद हैं तेरे’ और एक अन्य कवि हबीब जालिब की कविता वाले पोस्टर हाथों में थाम रखा था। परिवार दिल्ली के अबुल फजल एन्क्लेव में रहता है। दुल्हन के परिवार ने बताया, हमने इस तरह सीएए और एनआरसी के विरोध करने का फैसला रविवार को लिया था। इस बारे में छात्रा अमीना जाकिया का कहना है कि हमारे माता-पिता प्रोफेसर हैं और चार भाई-बहनों ने जामिया से ही शिक्षा पाई है।
विश्वविद्यालय की छात्रा और देश का नागरिक होने के नाते मैं सीएए का विरोध करती हूं, क्योंकि मुझे लगता है कि यह कानून हमारे देश के धर्मनिरपेक्ष सामाजिक ढांचे को प्रभावित करेगा। अमीना की बड़ी बहन आर्किटेक्ट मरियम जाकिया ने कहा, शादी की अंतिम तैयारियों के बीच में सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर प्रदर्शन शुरू हुए। इस दौरान हुईं हिंसा से मन बहुत दुखी हुआ। हमने तय किया कि इसका विरोध हम शादी में करेंगे।
मरियम ने कहा कि 15 दिसंबर के दिन के जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे, वह शादी की खरीदारी करने जाने वाली थी, लेकिन पुलिस ने इलाके में पाबंदी लगा दी। उनकी कजिन जब घर आई, तब उसकी आंखें गैस के प्रभाव से जल रही थीं। कई दोस्तों ने फोन किया कि वे बाथरूम में छिपे हैं, क्योंकि पुलिस विश्वविद्यालय के कैंपस में घुस गई है।