जानें क्यों नहीं खाना चाहिए अखबार में लपेट कर खाना, खबर पढ़कर हिल जाएगे आप
1. अखबार में खाना रखने, खासतौर पर कोई गर्म चीज रखने से अखबार की प्रिंटिंग में इस्तेमाल हुआ इंक खाने पर लग जाता है। ये स्याही शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक होता है। क्योंकि इसमें डाई आइसोब्यूटाइल फटालेट और डाइएन आईसोब्यूटाइलेट जैस खतरनाक केमिकल्स होते हैं।
2. ये रसायन जब गर्म खाने के संपर्क में आते हैं तो ये बायोएक्टिव तत्व को सक्रिय कर देते हैं। जिससे ये खाने में मिलने लगता है और ये खाना खाने से विषैले तत्व पेट तक पहुंच जाते हैं।
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4. शोधकर्ताओं के मुताबिक जब अखबार में गर्म खाने की चीज रखी जाती है तो इंक पिघलकर खाने में चिपक जाती है। इससे स्याही में मौजूद ग्राफाइट नामक विषैला तत्व खाद्य पदार्थ में मिल जाता है। इसके शरीर में जाने से गुर्दे एवं फेफड़े से संबंधित रोग हो सकते हैं।
5. अखबार की इंक में खतरनाक रसायन होते हैं इसके शरीर में जाने से हार्मोन्स का संतुल भी बिगड़ सकता है। जिस वजह से प्रजनन क्षमता कमजोर हो सकती है। इससे कई बार संतान का सुख भी छिन जाता है।
6. स्याही में मौजूद विषैले तत्व स्किन के लिए बहुत नुकसानदायक है। इससे स्किन की परत कट जाती है। इंक में मौजूद हार्ड केमिकल त्वचा को रूखा बना देते हैं। इससे मॉयश्चर खत्म हो जाता है, लाल चकत्ते पड़ जाते हैं। इससे स्किन कैंसर का भी खतरा होता है।
7. न्यूज पेपर में काफी मात्रा में टॉक्सिन्स होते हैं। क्योंकि अखबार के कागज को रिसाइकल करके बनाया जाता है। इसके बाद प्रिंटिंग होने की प्रक्रिया से लेकर लोगों तक पहुंचने तक के दौरान इसमें कई बैक्टीरिया आ जाते हैं। इसमें खाना रखने से ये हानिकारक जीवाणु शरीर मेें चले जाते हैं जिससे पेट दर्द और गैस की समस्या होाने लगती है।
8. अखबार में रखे खाने को खाने से प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती है। इससे अलावा इससे व्यक्ति का शारीरिक विकास रुक जाता है। ये बच्चों को ज्यादा नुकसान पहुंचाता है क्योंकि उस समय उनका विकास हो रहा होता है। इंक वाले खाद्य पदार्थ को खाने से बेनजीफीनोन्स नामक हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है।
9. भारतीय खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक अखबार में इस्तेमाल हुए इंक के पेट में जाने से मुंह, गले और पेट का कैंसर हो सकता है। क्योंकि इसमें काफी मात्रा में हार्ड केमिकल मिले होते हैं, जो मानव शरीर को सूट नहीं करते हैं।
10. अखबार में लिपटे हुए खाने को खाने से आंखों की रोशनी भी जा सकती है। क्योंकि प्रिंटिंग में इस्तेमाल हुए केमिकल में डाई कलर का इस्तेमाल होता है। ये काफी तेज होते हैं। इनके शरीर में संपर्क में आने से आंखों एवं त्वचा को नुकसान हो सकता है।