जर्मनी के 15 सदस्यीय शिक्षक दल ने जानी सीएमएस की शिक्षा पद्धति
लखनऊ : सिटी मान्टेसरी स्कूल की अनूठी शिक्षा पद्धति की जानकारी प्राप्त करने हेतु आज जर्मनी के 15-सदस्यीय शिक्षक दल ने सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) का भ्रमण किया और छात्रों को सर्वांगीण शिक्षा प्रदान करने के सी.एम.एस. के तौर-तरीकों की जानकारी प्राप्त की। इससे पहले, सी.एम.एस. के डायरेक्टर ऑफ स्ट्रेटजी रोशन गाँधी, विद्यालय की वरिष्ठ प्रधानाचार्या मंजीत बत्रा एवं प्रधानाचार्या संगीता बनर्जी ने जर्मनी से पधारे शिक्षकों का विद्यालय में हार्दिक स्वागत किया। इस अवसर पर सी.एम.एस. के डायरेक्टर ऑफ स्ट्रेटजी रोशन गाँधी ने कहा कि इस शैक्षिक यात्रा से भारत और जर्मनी के शिक्षकों के बीच मजबूत संबंध बनेंगे क्योंकि दोनों देशों को शिक्षा के क्षेत्र में एक-दूसरे से बहुत कुछ सीखना है।
सीएमएस के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने बताया कि जर्मनी के शिक्षकों ने सी.एम.एस. की भौतिक, सामाजिक तथा नैतिक शिक्षा पर आधारित ‘ब्राडर एण्ड बोल्डर’ शिक्षा पद्धति के बारे में जानने में बहुत रुचि दिखाई एवं विद्यालय के शिक्षकों के साथ विचार-विमर्श किया। उन्होंने सी.एम.एस. द्वारा शिक्षा पद्धति में उत्कृष्टता हेतु स्थापित किये गये विभिन्न विभागों एवं उनके कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त की, जैसे कि शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए क्वालिटी अश्योरेन्स एवं इनोवेशन विभाग, पर्सनालिटी डेवलपमेन्ट तथा कैरियर कॉउन्सिलिंग विभाग, ई.आर.पी. (एंटरप्राइज़ रिसोर्स प्लानिंग) विभाग, एस.ए.टी. (सैट) एवं एडवान्स प्लेसमेन्ट (ए.पी.) टेस्ट सेन्टर, व्हाइट बोर्ड एवं स्मार्ट क्लासेज, विभिन्न विषयों में आधुनिक जानकारी हेतु ‘वायरलेस नेटवर्किंग टेक्नोलॉजी’, फिल्म डिवीजन, कम्युनिटी एफ.एम. रेडियो, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अनुभवी विषय विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन, कमजोर छात्रों के लिए निःशुल्क रिमीडियल क्लासेज, छात्रों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग का अवसर उपलब्ध कराने हेतु प्रतिवर्ष 28 अन्तर्राष्ट्रीय शैक्षिक आयोजन, होम विजिट एवं टीचर-गार्जियन स्कीम आदि के बारे में जानकर उसे सराहा। इसके अलावा, सी.एम.एस. की विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों जैसे जे.वाई.ई.पी., इको क्लब, सी.आई.एस.वी., माडल क्लास प्रजेन्टेशन, हाउस एक्टिविटीज आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की और शिक्षण पद्धति को छात्रों के लिए रोचक व उपयोगी बनाने के तौर-तरीकों की जानकारी प्राप्त की।