जयपुर में मोहन भागवत का 15 नवंबर को विशेष उद्बोधन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत का 15 नवंबर को जयपुर दौरा प्रस्तावित है। इस दौरान वे सवाई मानसिंह स्टेडियम के इनडोर हॉल में ‘एकात्म मानववाद’ विषय पर प्रबुद्ध वर्ग के लिए विशेष उद्बोधन देंगे। यह आयोजन समाज के शिक्षित और प्रभावशाली वर्ग के बीच भारतीय जीवन मूल्यों और दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा को प्रसारित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, इस कार्यक्रम में ढाई से तीन हजार तक लोग शामिल होंगे। इनमें सामान्य स्वयंसेवक या कार्यकर्ता नहीं, बल्कि शिक्षाविद, डॉक्टर, अधिवक्ता, धर्मगुरु, साधु-संत और समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रबुद्ध वर्ग के लोग शामिल होंगे। कार्यक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक और भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी भी उपस्थित रह सकते हैं। कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर जयपुर में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें करीब 250 से अधिक स्वयंसेवक शामिल हुए। बैठक में कार्यक्रम की रूपरेखा, अतिथियों को आमंत्रण और ‘एकात्म मानववाद’ की विचारधारा को समाज तक पहुंचाने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके लिए विशेष स्वयंसेवक टीमों का गठन किया गया है, जो आमंत्रित व्यक्तियों को विचारधारा से अवगत कराते हुए कार्यक्रम तक लेकर आएंगी।

इस आयोजन की एक विशेषता यह भी होगी कि इसका कोई बाहरी प्रचार-प्रसार नहीं किया जाएगा। न तो पोस्टर-बैनर लगाए जाएंगे, न ही किसी अन्य माध्यम से प्रचार होगा। संघ का मानना है कि भागवत के उद्बोधन को सुनने के लिए पहले से ही पर्याप्त लोग आकर्षित होते हैं, इसलिए यह सिर्फ आमंत्रण-आधारित कार्यक्रम होगा। गौरतलब है कि ‘एकात्म मानववाद’ भारतीय जनसंघ के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय की विचारधारा है। यह दर्शन भारतीय जीवन मूल्यों, संस्कृति और समाज व्यवस्था पर आधारित है। इसके अनुसार व्यक्ति, समाज और प्रकृति एक-दूसरे से अभिन्न रूप से जुड़े हुए हैं। विकास का लक्ष्य केवल आर्थिक उन्नति नहीं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों के संतुलित समन्वय से पूर्ण प्रगति है।

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