जम्मू-कश्मीर में आतंकी नेटवर्क पर बड़ा प्रहार

सुरक्षाबलों ने रविवार को आतंक पर बड़ा प्रहार किया। जम्मू-कश्मीर 13 जिलों में 180 से अधिक स्थानों पर छापे मारकर 53 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कश्मीर में 14 जगह संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान (कासो) भी चलाए गए। यह कार्रवाई आतंकवाद को रसद व वित्तीय सहायता प्रदान करने वाले स्थानीय नेटवर्क को ध्वस्त करना है। यह अभियान ओजीडब्ल्यू, यूएपीए और पीएसए के आरोपियों, समर्थकों और मारे गए व सक्रिय आतंकियों के रिश्तेदारों पर केंद्रित रहा। ये पाकिस्तान और पीओके में रह रहे जम्मू-कश्मीर नेशनल्स ऑपरेटिंग फ्रॉम पाकिस्तान (जेकेएनओपी) के सहयोगी भी बताए जा रहे हैं।

उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले में 53 लोग गिरफ्तार किए गए। इनमें से 20 ओजीडब्ल्यू हैं। छापों के दौरान पीओके और पाकिस्तान में रह रहे कश्मीरी मूल के लोगों से जुड़ी 25 संपत्तियों की तलाशी ली गई। इन 25 स्थानों से 19 व्यक्तियों को कानून के निवारक प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया। जिले में 73 सिम विक्रेताओं की जांच की गई। सोपोर में 30 से अधिक स्थानों पर तलाशी ली गई। कुलगाम, कुपवाड़ा के हंदवाड़ा, शोपियां में भी कई घरों की तलाशी ली गई और कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया। गांदरबल में 30 स्थानों पर व्यापक तलाशी अभियान चलाए।

इस दौरान डिजिटल उपकरण और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई। अधिकारियों ने बताया कि रामबन, किश्तवाड़, डोडा, कठुआ, राजोरी व रियासी जिले में व्यापक तलाशी और घेराबंदी अभियान चलाया गया है। डोडा जिले में शनिवार को भी कई संदिग्ध व्यक्तियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। सुरक्षाबलों ने किश्तवाड़ में आतंकियों के 36, रामबन जिले में नौ, डोडा में 25, राजोरी में पांच और कठुआ में 20 से अधिक आतंकी रिश्तेदाराओं और संदिग्ध मददगारों के ठिकाने खंगाले गए। 

आतंकी मददगार दो एसपीओ बर्खास्त
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवाद समर्थकों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कठुआ जिले में तैनात दो विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। दोनों पर आतंकियों से संपर्क रखने और उनकी गतिविधियों में सहयोग करने के गंभीर आरोप हैं। बर्खास्त किए गए एसपीओ में अब्दुल लतीफ और मोहम्मद अब्बास हैं। जांच में सामने आया कि ये आतंकियों के संपर्क में थे और उन्हें सहायता प्रदान करता था।

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