जब पीएम मोदी ने एक छात्र से पूछा- कभी थाने गए हो, मिला ऐसा जवाब…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के ग्रैंड फिनाले के प्रतिभागियों से शनिवार को काफी देर तक बातचीत की और उनसे कई सारे-सवाल जवाब भी किए। इस दौरान प्रतिभागियों ने भी पीएम मोदी से अपने विचार रखे और सवाल पूछे। 

चर्चा के दाैरान काेयंबटूर के पीएचडी काॅलेज ऑफ टेक्नाेलाॅजी के एक छात्र कुंदन ने पीएम को बताया कि उन्हाेंने चैटबाेट बनाया है, जिसके जरिए व्यक्ति बिना डरे पुलिस काे समस्या बता सकता है या शिकायत कर सकता है। इस पर पीएम ने मजाकिया लहजे में पूछा, ‘आपको कभी पुलिस स्टेशन जाना पड़ा है?’ उनके इस सवाल पर कुंदन ने कहा कि माेबाइल खाेने पर उन्हें एक बार थाने जाना पड़ा था। पीएम ने इसके बाद कुंदन को एक सुझाव भी दिया कि इसमें वाॅइस इनपुट सुविधा हाेनी चाहिए और इसे भारतीय भाषा में भी उपलब्ध कराना चाहिए।

बता दें कि, स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन का यह चाैथा संस्करण है जिसमें 4.5 लाख छात्र शामिल हाे चुके हैं। तीन अगस्त तक चलने वाले फाइनल में शनिवार सुबह 9 बजे 10 हजार छात्र जुट गए थे। उनके सामने केंद्र सरकार के 37 विभागों, 17 राज्य सरकारों और 20 उद्योगों की 243 समस्याओं को रखा गया है। इस हैकाथॉन को जीतने वाली टीम काे एक लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।
इस हैकाथॉन में देश के अलग-अलग क्षेत्र से प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया है और कई तरह के आधुनिक चीजें बनाए हैं. हैदराबाद के छात्र मनप्रीत सिंह ने बताया कि उन्हाेंने मध्य प्रदेश सरकार की समस्या पर साॅफ्टवेयर बनाया है, जिसमें अपराधियाें को पकड़ना आसान होगा। इसमें अपराधी के फुटेज काे साॅफ्टवेयर में फीड किया जाता है। सीसीटीवी कैमरे में अपराधी नजर आते ही पुलिस के पास मैसेज जाता है। 

काेयंबटूर की छात्रा श्वेता ने जल शक्ति मंत्रालय की मदद से ऐसा हेल्थकार्ड बनाया है जिससे तटबंध का पानी तटीय गांवाें में घुसने पर गांव वालों तक अलर्ट भेजा जा सकता है। इससे ज लोगों की जान बचाई जा सकती है। एर्नाकुलम की एक छात्रा रिचाे मैथ्यू ने दाेबारा उपयोग हो सकने वाला कपड़े का सैनिटरी नैपकिन बनाया है। 

हैकाथाॅन में पीएम माेदी ने नई शिक्षा नीति के बारे में बात करते हुए कहा कि कई बच्चे दबाव में दूसराें द्वारा चुने विषय पढ़ते हैं। इसलिए देश की बड़ी आबादी डिग्रियाें के अंबार के बाद भी अधूरापन महसूस करती है। नई शिक्षा नीति से देश भविष्य में आत्मनिर्भर हाेगा। यह ‘नौकरी ढूंढ़ने वाला’ बनाने के बजाय ‘नौकरी देने वाला’ बनाने पर जोर देती है।

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