जंगी जहाज बनाने वाली सरकारी कंपनी को मिला बड़ा ऑर्डर, खबरों के दम पर भाग सकते हैं शेयर

Cochin Shipyard लिमिटेड ने डेनमार्क की स्विट्जर कंपनी के साथ इलेक्ट्रिक टोइंग वेसल्स बनाने का अनुबंध किया है, जिसकी कीमत 250 से 500 करोड़ रुपये है। इस सौदे में 26-मीटर के इलेक्ट्रिक टग्स का निर्माण शामिल है, जिनकी डिलीवरी 2027 तक होगी। इस खबर से कंपनी के शेयरों में तेजी की संभावना है।
Cochin Shipyard: सरकारी कंपनी कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड ने शनिवार को घोषणा की कि उसने डेनमार्क की कंपनी Svitzer के साथ एडवांस्ड इलेक्ट्रिक टोइंग वेसल्स बनाने के लिए शिपबिल्डिंग कॉन्ट्रैक्ट्स साइन किए हैं। कंपनी ने इस ऑर्डर को ‘महत्वपूर्ण’ बताया है और इसकी कीमत 250 करोड़ रुपये से 500 करोड़ रुपये के बीच है। इस खबर के बाद सोमवार को इसके शेयरों पर असर दिख सकता है। खबरों के दम पर इसके शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है।
इस डेवलपमेंट के बाद, कंपनी ने बताया कि इस कॉन्ट्रैक्ट में चार 26-मीटर के पूरी तरह से इलेक्ट्रिक ‘TRAnsverse’ टग्स बनाने हैं, खासकर ‘TRAnsverse 2600E’ मॉडल, जिसकी 70-टन की बोलार्ड पुल कैपेसिटी होगी। इस एग्रीमेंट में चार और जहाज बनाने का ऑप्शन भी शामिल है। ये टग्स Svitzer के स्पेसिफिकेशन्स के हिसाब से बनाए जाएंगे ताकि उसके ग्लोबल फ्लीट रिन्यूअल प्लान और दुनिया भर में ऑपरेशंस में तरक्की को सपोर्ट मिल सके।
शुक्रवार को बढ़त के साथ बंद हुए थे शेयर
शुक्रवार को, कोचिन शिपयार्ड के शेयर लगातार दूसरे सेशन में बढ़कर BSE पर पिछले क्लोजिंग प्राइस 1,639.60 रुपये के मुकाबले 0.27% बढ़कर 1,644 रुपये पर बंद हुए। पिछले छह महीनों में यह शेयर 30% से ज़्यादा गिर गया है। कंपनी का मार्केट कैप 43,250 करोड़ रुपये है।
2027 तक होगी डिलीवरी
टग्स की डिलीवरी 2027 के आखिर से शुरू होने का टारगेट है। एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, ये जहाज Svitzer के स्पेसिफिकेशन के हिसाब से बनाए जाएंगे ताकि उसके ग्लोबल फ्लीट रिन्यूअल प्लान और दुनिया भर में ऑपरेशंस में मदद मिल सके।
कोचिन शिपयार्ड ने बताया कि यह कोलैबोरेशन सविट्जर की सस्टेनेबल टोएज में एक्सपर्टीज और CSL की शिपबिल्डिंग कैपेबिलिटीज को मिलाता है।
इससे पहले, कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने फाइनेंशियल ईयर 2025-26 के लिए हर इक्विटी शेयर पर 4 रुपये का अंतरिम डिविडेंड देने की घोषणा की थी। पेमेंट के लिए रिकॉर्ड डेट 18 नवंबर तय की गई थी, और डिविडेंड का पेमेंट 11 दिसंबर तक करने का लक्ष्य रखा गया था।





